पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट हरियाणा की एक महत्वपूर्ण सीट है। यह कांग्रेस के लिए हमेशा से चुनौती रही है। कांग्रेस यहां से कभी जीत नहीं पाई।
जमानत जब्ती का रिकॉर्ड
यह सीट कांग्रेस के लिए एक खास रिकॉर्ड रखती है। यहां लगातार तीन बार चुनावों में कांग्रेस की जमानत जब्त हुई है। मतलब, पार्टी को इतना वोट नहीं मिला कि वे अपनी जमानत बचा सकें। यह हरियाणा की एकमात्र सीट है जहां ऐसा हुआ है।
टिकट की होड़
2024 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नामांकन की आखिरी रात को की। पानीपत ग्रामीण सीट पर टिकट के लिए 56 आवेदन आए। यह नीलोखेड़ी के बाद सबसे अधिक है।
युवा प्रत्याशी की चुनौती
इस बार कांग्रेस ने युवा नेता सचिन कुंडू को मैदान में उतारा है। यह उनका पहला चुनाव है। वे पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा से सीधा मुकाबला करेंगे। महिपाल ढांडा बीजेपी के बड़े नेता हैं और दो बार यहां जीत चुके हैं।
कांग्रेस के अनुभवी उम्मीदवार
पानीपत ग्रामीण सीट 2009 में बनी थी। इससे पहले यह नौल्था विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा थी। 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश जैन ने जीत हासिल की थी। तब कांग्रेस ने प्रसन्नी देवी को मैदान में उतारा था, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहीं।
2014 में कांग्रेस ने खुशीराम जागलान को चुनाव में उतारा। वे भी महिपाल ढांडा से हार गए और उनकी जमानत भी जब्त हो गई। 2019 में ओमप्रकाश जैन को फिर से उम्मीदवार बनाया गया। उन्हें भी केवल 12 हजार वोट मिले और जमानत जब्त हो गई।
मंत्री पद की गारंटी
पानीपत ग्रामीण सीट मंत्री पद की गारंटी मानी जाती है। पूर्व में यहां से कई मंत्री बने हैं, जैसे प्रसन्नी देवी, बिजेंद्र सिंह कादियान और ओमप्रकाश जैन। महिपाल ढांडा भी इस सीट से मंत्री बने हैं।
जातीय समीकरण
यह सीट जाट बहुल मानी जाती है। यहां से ओमप्रकाश जैन के अलावा कोई गैर-जाट उम्मीदवार कभी जीत नहीं पाया। इसलिए, सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों का चयन जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर करती हैं।
ऐतिहासिक रैलियां
पानीपत ग्रामीण क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण रैलियां भी हुई हैं। 1984 में इंदिरा गांधी और 2005 में सोनिया गांधी ने यहां रैली की थी। इन रैलियों ने कांग्रेस को ताकत दी थी, लेकिन बाद में चुनावों में कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही।
गौरतलब है कि 2024 का चुनाव पानीपत ग्रामीण सीट के लिए महत्वपूर्ण होगा। क्या सचिन कुंडू कांग्रेस के लिए कुछ नया कर पाएंगे, या महिपाल ढांडा अपनी जीत की लकीर को आगे बढ़ाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा।