गुरूग्राम में जगह-जगह फैला कूड़ा एक समस्या है जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है इसके लिए अब प्रशासन भी अब सक्रिय हो गया है। और शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए जिला प्रशासन ने वार्ड वाईज एचसीएस अधिकारियों को निगरानी के लिए नोडल अधिकारी लगाया हुआ है, जो प्रतिदिन अपने-अपने वार्डों का दौरा करके सफाई व्यवस्था को बेहतर कराने में जुटे हुए हैं। जिसमें देखने में आया है कि कई स्थानो पर गार्बेज ट्रॉली खड़ी होने के बावजुद भी लोग सड़क पर कचरा डाल देते है। जिससे सफाई कर्मियों को भी सफाई करने में प्रोब्लम होती है। इसके लिए अब CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जो कचरा फैलाने वालों की पहचान करेंगे। उक्त निर्णय गुरुग्राम मंडल के आयुक्त आरसी बिढ़ान की अध्यक्षता में आयोजित ठोस कचरा पर्यावरण आवश्यकता कार्यक्रम (स्वीप) की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त अशोक कुमार गर्ग व अतिरिक्त निगमायुक्त डा. बलप्रीत सिंह सहित वार्ड वाईज नियुक्त एचसीएस नोडल अधिकारी व निगम की स्वच्छता शाखा के अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि गार्बेज वर्नेबल प्वाइंटों पर निगम द्वारा गार्बेज ट्रॉली खड़ी की गई हैं, ताकि जमीन पर कचरा ना फैले। और स्वच्छता टीमें डेली सफाई करती है लेकिन लोग सड़क पर कचरा डालते है जिससे सफाई सर्मिययों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मंडलायुक्त ने इस प्रकार के लोगों की पहचान व उन पर कार्रवाई करने के लिए जीवीपी पर सीसीटीवी लगाने का सुझाव दिया, ताकि कचरा फैलाने वालों पर जुर्माना व एफआईआर दर्ज करने संबंधी कार्रवाई की जा सके।
साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मलबे व कचरे की अवैध डंपिंग को रोकने के लिए नगर निगम गुरुग्राम के संयुक्त आयुक्तों व सहायक पुलिस आयुक्तों की टीमें गठित करके कार्रवाई शुरू की जाए। ये टीमें दिल्ली से आने वाले कचरा वाहनों को पकडक़र उन्हें जब्त करने के साथ ही ऐसे वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगी, जो बल्क वेस्ट जनरेटरों के यहां से कचरा उठाकर सार्वजनिक स्थानों पर डाल देते हैं। इसके अलावा, यातायात पुलिस द्वारा भी इस प्रकार के वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।
शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए मंडलायुक्त ने वार्ड प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया। जिसके तहत लगातार 2 माह तक बेहतर स्वच्छता बनाए रखने वाले वार्ड में एक करोड़ रूपए की राशि के विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके अलावा, एक माह तक बेहतर स्वच्छता बनाए रखने वाले वार्ड में विकास कार्यों पर 50 लाख रूपए की राशि खर्च की जाएगी। प्रतियोगिता में स्वच्छ वार्ड का चयन अधिकारियों व नागरिकों की कमेटी द्वारा किया जाएगा।
बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि वे जल्द ही निगमायुक्त व जिला उपायुक्त के साथ शहर का दौरा करके सफाई व्यवस्था का जायजा लेंगे। उन्होंने सफाई शाखा के अधिकारियों से कहा कि वे वार्ड-1 व वार्ड-2 क्षेत्र की 100 प्रतिशत सफाई सोमवार तक सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन वार्डों में किसी भी स्थान पर कचरा, मलबा या पॉलीथीन आदि दिखाई नहीं देना चाहिए।
संसाधन व कर्मचारियों के गैप को करें पूरा :
बैठक में मंडलायुक्त ने निगम अधिकारियों से कहा कि वे सफाई कार्य के लिए सभी संसाधन व कर्मचारियों के गैप को पूरा करें। इसके तहत डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले वाहनों की जरूरत के अनुसार संख्या बढ़ाएं। इसके साथ ही गार्बेज ट्रॉली के पास एक-एक कर्मचारी की नियुक्ति भी सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि डोर-टू-डोर कचरा उठान कार्य की बेहतर निगरानी भी सुनिश्चित की जाए।
सीएंडडी वेस्ट उठान में लाएं तेजी :
मंडलायुक्त ने कहा कि विभिन्न स्थानों पर पड़े सीएंडडी वेस्ट को उठाने के कार्य में और अधिक तेजी लाई जाए, ताकि जल्द से जल्द शहर स्वच्छ दिखाई दे। इसके लिए प्रतिदिन कम से कम 10 हजार टन सीएंडडी वेस्ट उठाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि एरिया वाईज सीएंडडी वेस्ट उठाने वाले वाहनों को पंजीकृत किया जाए तथा उनकी दरें निर्धारित की जाएं।
बैठक में सभी एचसीएस नोडल अधिकारियों ने अपने-अपने वार्ड की सफाई व्यवस्था की रिपोर्ट मंडलायुक्त के समक्ष रखी। समीक्षा के दौरान जोन-2 क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सही नहीं पाए जाने पर फील्ड इंचार्ज श्रीकांत शर्मा पर कार्रवाई करने के निर्देश मंडलायुक्त द्वारा दिए गए।