विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खिलाफ मुखर हो रही हरियाणा की जनता, मांग रही हिसाब

हरियाणा में विधानसभा चुनावों का प्रचार जोर पकड़ लिया है, जहां जनता अब अपने नेताओं से सीधे सवाल पूछ रही है। पुराने वादों का हिसाब मांगने के साथ, लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को उनकी कार्यशैली पर गंभीरता से जवाब देना पड़ रहा है, जिससे चुनावी माहौल गर्म है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार चल रहा है। लोग नेताओं से सवाल पूछ रहे हैं। वह पुराने वादों का हिसाब मांग रहे हैं। जनता की मांग लोग अब चुप नहीं हैं। वह अपने हक के लिए खड़े हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान, लगभग हर जगह प्रत्याशियों से पूछा जा रहा है कि उन्होंने पहले क्या किया। यदि वह संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो लोग विरोध करने लगते हैं। भाजपा के प्रत्याशियों पर सवाल जींद जिले में भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण बेदी को किसानों ने घेर लिया। किसानों ने पूछा कि उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन क्यों नहीं किया। लोगों ने यह भी कहा कि बेदी को पार्टी से इस्तीफा देना चाहिए था। इसी तरह, नांगल चौधरी में भी युवा मतदाता ने अभय सिंह यादव से सवाल किए। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में क्या हुआ है? फतेहाबाद में नाराजगी फतेहाबाद में, भाजपा की सुनीता दुग्गल को किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया। देवेंद्र बबली का हंगामा टोहाना में, देवेंद्र बबली की सभा में हंगामा हुआ। ग्रामीणों ने उनसे पुरानी मांगों के बारे में सवाल किए। उन्होंने पुराने मांग पत्र भी दिखाए, जिनका जवाब बबली को देना पड़ा। अंत में, बबली को माफी मांगनी पड़ी, क्योंकि उन्होंने अपने वादों को पूरा नहीं किया। झज्जर की स्थिति झज्जर में, कप्तान बिरधाना की जनसभा में लोग नाराज हो गए। उन्होंने उन्हें बारिश से प्रभावित गलियों में ले जाकर दिखाया कि विकास के दावे कितने सही हैं। कांग्रेस के प्रत्याशियों की भी मुश्किलें कांग्रेस के उम्मीदवार रामनिवास राड़ा को भी विरोध का सामना करना पड़ा। सैनी समाज के लोगों ने ट्रस्ट के मुद्दे पर सवाल उठाए। पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को भी ग्रामीणों ने अवैध खनन और सड़क निर्माण न होने पर घेरा। चुनाव का माहौल इस समय हरियाणा में चुनाव का माहौल काफी गरम है। लोग अब नेता से जवाब मांगने में संकोच नहीं कर रहे हैं। उनकी मांगें स्पष्ट हैं और वह पुराने वादों के प्रति जागरूक हो गए हैं। यह चुनावी माहौल यह दिखाता है कि जनता अब अपने अधिकारों के लिए लडने को तैयार है। वह यह तय कर रहे हैं कि उन्हें किसे वोट देना है। नेताओं के लिए यह एक चेतावनी है कि उन्हें अपने वादों को निभाना होगा।

हरियाणा में विधानसभा चुनावों का प्रचार जोर पकड़ लिया है, जहां जनता अब अपने नेताओं से सीधे सवाल पूछ रही है। पुराने वादों का हिसाब मांगने के साथ, लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को उनकी कार्यशैली पर गंभीरता से जवाब देना पड़ रहा है, जिससे चुनावी माहौल गर्म है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार चल रहा है। लोग नेताओं से सवाल पूछ रहे हैं। वह पुराने वादों का हिसाब मांग रहे हैं।

जनता की मांग

लोग अब चुप नहीं हैं। वह अपने हक के लिए खड़े हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान, लगभग हर जगह प्रत्याशियों से पूछा जा रहा है कि उन्होंने पहले क्या किया। यदि वह संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो लोग विरोध करने लगते हैं।

भाजपा के प्रत्याशियों पर सवाल

जींद जिले में भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण बेदी को किसानों ने घेर लिया। किसानों ने पूछा कि उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन क्यों नहीं किया। लोगों ने यह भी कहा कि बेदी को पार्टी से इस्तीफा देना चाहिए था। इसी तरह, नांगल चौधरी में भी युवा मतदाता ने अभय सिंह यादव से सवाल किए। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में क्या हुआ है?

फतेहाबाद में नाराजगी

फतेहाबाद में, भाजपा की सुनीता दुग्गल को किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया।

देवेंद्र बबली का हंगामा

टोहाना में, देवेंद्र बबली की सभा में हंगामा हुआ। ग्रामीणों ने उनसे पुरानी मांगों के बारे में सवाल किए। उन्होंने पुराने मांग पत्र भी दिखाए, जिनका जवाब बबली को देना पड़ा। अंत में, बबली को माफी मांगनी पड़ी, क्योंकि उन्होंने अपने वादों को पूरा नहीं किया। 

झज्जर की स्थिति

झज्जर में, कप्तान बिरधाना की जनसभा में लोग नाराज हो गए। उन्होंने उन्हें बारिश से प्रभावित गलियों में ले जाकर दिखाया कि विकास के दावे कितने सही हैं।

कांग्रेस के प्रत्याशियों की भी मुश्किलें

कांग्रेस के उम्मीदवार रामनिवास राड़ा को भी विरोध का सामना करना पड़ा। सैनी समाज के लोगों ने ट्रस्ट के मुद्दे पर सवाल उठाए। पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को भी ग्रामीणों ने अवैध खनन और सड़क निर्माण न होने पर घेरा।

चुनाव का माहौल

इस समय हरियाणा में चुनाव का माहौल काफी गरम है। लोग अब नेता से जवाब मांगने में संकोच नहीं कर रहे हैं। उनकी मांगें स्पष्ट हैं और वह पुराने वादों के प्रति जागरूक हो गए हैं।

यह चुनावी माहौल यह दिखाता है कि जनता अब अपने अधिकारों के लिए लडने को तैयार है। वह यह तय कर रहे हैं कि उन्हें किसे वोट देना है। नेताओं के लिए यह एक चेतावनी है कि उन्हें अपने वादों को निभाना होगा।