—————————————————
- रोहतक में पंचकर्मा टीचर की गुमशुदगी से हुआ हत्याकांड का खुलासा
- पत्नी के अवैध संबंधों का बदला लेने के लिए पति ने रची खौफनाक साजिश
- पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा, दो अभी भी फरार
—————————————————————
रोहतक। हरियाणा के रोहतक में बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के पंचकर्मा टीचर जगदीप की हत्या की चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। चरखी दादरी के राजकरण ने पत्नी के प्रेमी को खत्म करने की योजना 48 घंटे में तैयार की और उसे अंजाम तक भी पहुंचा दिया। इस मर्डर का खुलासा होने में पूरे तीन महीने लग गए। पुलिस ने हत्याकांड के मास्टरमाइंड राजकरण और उसके दो साथियों हरदीप और धर्मपाल को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं।
गायब हुआ टीचर, मोबाइल लोकेशन से खुला राज
सितंबर 2024 में रोहतक की मस्तनाथ यूनिवर्सिटी में बतौर पंचकर्मा थेरेपिस्ट जॉइन करने वाले जगदीप 24 दिसंबर 2024 को अचानक गायब हो गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके ताऊ ईश्वर सिंह को जानकारी दी, मगर उन्हें कुछ पता नहीं था।
इसके बाद 3 फरवरी 2025 को शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जगदीप का मोबाइल सिग्नल चरखी दादरी के पैंतावास गांव में मिल रहा है। चौंकाने वाली बात यह थी कि जिस घर में जगदीप किराए पर रहते थे, उसी मकान मालिक की बेटी दीपा की शादी इसी गांव में हुई थी। पुलिस को शक हुआ कि जगदीप और दीपा के बीच कोई संबंध था, जिसके कारण उसकी लोकेशन वहां मिली।
मोबाइल लोकेशन से पकड़े गए आरोपी, 7 फुट गहरे गड्ढे में मिली लाश
जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर हरदीप और धर्मपाल को पकड़ा। पूछताछ के दौरान दोनों ने हत्या की बात कबूल की और पुलिस को पैंतावास गांव के बाबा कालू वाला डेरे के पास ले गए। यहां तालाब किनारे 7 फुट गहरे गड्ढे में जगदीप की लाश दबी मिली। 25 मार्च को पोस्टमॉर्टम कर शव को बाहर निकाला गया।
प्रेम संबंधों की वजह से बना हत्या का प्लान
जगदीप पिछले तीन साल से रोहतक की जनता कॉलोनी में किराए पर रहता था। वहीं उसकी दोस्ती मकान मालकिन की बेटी दीपा से हुई, जो बाद में प्रेम संबंधों में बदल गई। दीपा अक्सर अपने मायके में ही रहती थी, जिससे उसका पति राजकरण शक करने लगा।
राजकरण ने एक दिन दीपा के फोन में जगदीप के साथ उसकी तस्वीरें देख लीं। इससे गुस्साए राजकरण ने हत्या की योजना बनाई।
साजिश: पहले से खुदवाया गड्ढा, फिर जिंदा दफनाया
राजकरण ने 23 दिसंबर को बाबा कालू वाला डेरे के पास 7 फुट गहरा गड्ढा खुदवाया, यह कहकर कि वहां ट्यूबवेल लगानी है। अगले दिन 24 दिसंबर को वह हरदीप और अमित को साथ लेकर ससुराल पहुंचा, जहां दीपा और उसकी सास घर पर नहीं थीं। जगदीप घर में अकेला था।
राजकरण ने घर में घुसते ही जगदीप के साथ मारपीट शुरू कर दी। उसके साथियों ने पूछा कि वह क्या कर रहा है, तो उसने कहा कि इसे मारना पड़ेगा।
मारपीट के बाद जगदीप को किडनैप कर 64 किलोमीटर दूर पैंतावास गांव ले जाया गया। वहां पहले से तैयार गड्ढे में उसके हाथ-पैर बांधकर उसे जिंदा ही फेंक दिया और ऊपर से मिट्टी डाल दी।
कातिल बेफिक्र रहा, तीन महीने बाद राज का खुलासा
हत्या के बाद राजकरण और उसके साथी निश्चिंत थे, क्योंकि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। लेकिन जब मोबाइल ट्रैकिंग से पुलिस हरदीप और धर्मपाल तक पहुंची, तो सारा सच सामने आ गया। अब तक तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि दो अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।