ललिता मेमोरियल अस्पताल में गर्भ संस्कार का सफल आयोजन

आज ललिता मेमोरियल अस्पताल में गर्भ संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो गर्भवती महिलाओं को एक स्वस्थ शिशु को सामान्य प्रसव के माध्यम से जन्म देने में सहायक सिद्ध हो रहा है। इस अनूठे कार्यक्रम की संयोजक, डॉ. सीमा मित्तल ने बताया कि पिछले दो वर्षों से यह कार्यक्रम मासिक रूप से अस्पताल में आयोजित किया जा रहा है, और इसके बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि न केवल शिशु स्वस्थ जन्म ले रहे हैं, बल्कि सामान्य प्रसव की दर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कार्यक्रम के दौरान यह भी चर्चा की गई कि गर्भवती महिलाओं में अत्यधिक तनाव, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं की संभावना रहती है, जिससे गर्भाशय में शिशु की वृद्धि प्रभावित हो सकती है और समय पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है। गर्भ संस्कार कार्यक्रम महिलाओं के मस्तिष्क में उठने वाली तनावपूर्ण तरंगों को शांत करके उन्हें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। वैज्ञानिक तथ्यों का हवाला देते हुए डॉ. मित्तल ने बताया कि मानसिक तनाव से शरीर में रिलीज होने वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड हार्मोन कई बीमारियों के जन्मदाता होते हैं। गर्भ संस्कार इन हार्मोनों को संतुलित करने में सहायक होता है, जिससे गर्भवती महिलाएं तनावमुक्त रहती हैं और उनके आसपास सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है। इसका प्रभाव शिशु के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक होता है, जिससे जन्मजात और मानसिक विकारों की संभावना कम हो जाती है। डॉ. मित्तल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में बढ़ते तनाव और विश्व युद्ध जैसी संभावनाओं के बीच एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले 20 वर्षों में इस कार्यक्रम से उम्मीद है कि एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण होगा, जहां चिंता और तनाव से मुक्त लोग होंगे। इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार से श्रीमती अनामिका पाठक और उनके सहयोगी मौजूद थे। साथ ही, रेवाड़ी से लाइनस क्लब की श्रीमती उषा रस्तोगी और श्रीमती निर्मला यादव भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले दंपतियों ने इसकी सराहना की और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की

आज ललिता मेमोरियल अस्पताल में गर्भ संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो गर्भवती महिलाओं को एक स्वस्थ शिशु को सामान्य प्रसव के माध्यम से जन्म देने में सहायक सिद्ध हो रहा है। इस अनूठे कार्यक्रम की संयोजक, डॉ. सीमा मित्तल ने बताया कि पिछले दो वर्षों से यह कार्यक्रम मासिक रूप से अस्पताल में आयोजित किया जा रहा है, और इसके बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि न केवल शिशु स्वस्थ जन्म ले रहे हैं, बल्कि सामान्य प्रसव की दर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कार्यक्रम के दौरान यह भी चर्चा की गई कि गर्भवती महिलाओं में अत्यधिक तनाव, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं की संभावना रहती है, जिससे गर्भाशय में शिशु की वृद्धि प्रभावित हो सकती है और समय पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है। गर्भ संस्कार कार्यक्रम महिलाओं के मस्तिष्क में उठने वाली तनावपूर्ण तरंगों को शांत करके उन्हें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

वैज्ञानिक तथ्यों का हवाला देते हुए डॉ. मित्तल ने बताया कि मानसिक तनाव से शरीर में रिलीज होने वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड हार्मोन कई बीमारियों के जन्मदाता होते हैं। गर्भ संस्कार इन हार्मोनों को संतुलित करने में सहायक होता है, जिससे गर्भवती महिलाएं तनावमुक्त रहती हैं और उनके आसपास सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है। इसका प्रभाव शिशु के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक होता है, जिससे जन्मजात और मानसिक विकारों की संभावना कम हो जाती है।

डॉ. मित्तल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में बढ़ते तनाव और विश्व युद्ध जैसी संभावनाओं के बीच एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले 20 वर्षों में इस कार्यक्रम से उम्मीद है कि एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण होगा, जहां चिंता और तनाव से मुक्त लोग होंगे।

इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार से अनामिका पाठक और उनके सहयोगी मौजूद थे। साथ ही, रेवाड़ी से लाइनस क्लब की उषा रस्तोगी और निर्मला यादव भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले दंपतियों ने इसकी सराहना की और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की