अहीरवाल के आठ में से चार भाजपा विधायकों की टिकट पर चल सकती है कैंची

अहीरवाल के विधायकों में आठ में से चार भाजपा विधायकों की टिकट पर चल सकती है कैंची

आज बात करते हैं अहीरवाल के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व गुरुग्राम जिले में भाजपा की चुनावी संभावना, चुनावी रणनीति और वर्तमान विधायकों की कार्यप्रणाली की। इन तीन जिलों की 11 विधानसभा सीटों में से 8 पर भाजपा का कब्जा है। हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि भाजपा के तीनों जिलों के इन आठ विधायकों में से क्या सभी फिर से चुनावी मैदान में नजर आएंगे। हम फिर यह बात दोहरा रहे हैं कि हम भविष्यवक्ता नहीं है। हम केवल अपना अनुमान व्यक्त कर रहे हैं। हम केवल वह बता रहे हैं जो फीडबैक हमें लोगों से मिल रहा है। राजनीति की बारीक समझ रखने वाले लोगों का कहना है कि वर्तमान में अहीरवाल के इन 8 विधायकों में से केवल चार विधायकों के ही फिर से चुनावी मैदान में नजर आने की उम्मीद है। पार्टी अगर अधिक उदार हुई तो अधिक से अधिक पांच विधायकों को फिर से मौका मिल सकता है। अधिक संभावना यही है कि मौजूदा तीन से चार विधायकों की टिकट पर कैंची चल सकती है। अगर प्रत्येक जिले की बात करें तो हम कह सकते हैं कि गुरुग्राम, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले से एक-एक विधायक की टिकट पर कैंची चल सकती है। इस कैंची से वही बच पाएगा, जिसके सर्वे में अच्छे नंबर आएंगे। यह सर्वे पार्टी अपने स्तर पर करवाती रही है। पार्टी यह देखती है कि उसके विधायक की जनता के बीच छवि कैसी है। पकड़ कैसी है।  

NJP HARYANA

गुड़गांव जिले की चार विधानसभा सीटों में से इस समय गुड़गांव, पटौदी व सोहना सीट पर भाजपा का कब्जा है। गुड़गांव विधानसभा से सुधीर सिंगला, पटौदी से सतप्रकाश जरावता व सोहना से वन राज्यमंत्री संजय सिंह विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बादशाहपुर सीट पर निर्दलीय राकेश दौलताबाद ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अब यह सीट रिक्त है, क्योंकि पिछले दिनों राकेश दौलताबाद का असमय निधन हो गया था। इसी क्रम में रेवाड़ी जिले की तीन में से दो सीटों पर भाजपा काबिज है। इनमें बावल से कैबिनेट मंत्री डा. बनवारीलाल व कोसली से लक्ष्मण सिंह यादव विधायक है। रेवाड़ी विधानसभा सीट से कांग्रेस के चिरंजीव राव विधायक हैं।

इसी तरह महेंद्रगढ़ जिले की चार में से तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है। नारनौल से पूर्वमंत्री ओमप्रकाश यादव, नांगल चौधरी से सिंचाई राज्यमंत्री डा. अभय सिंह और अटेली से सीताराम प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। महेंद्रगढ़ में इस बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। राव दान सिंह कांग्रेस के विधायक हैं। वर्तमान की बात करें तो भाजपा पिछली बार रेवाड़ी, बादशाहपुर व महेंद्रगढ़ की जिन तीन सीटों पर हारी थी, उनमें से कम से कम दो सीटों पर चेहरे बदले जाएंगे। आम लोगों की जुबान पर यह बात जरूर है कि नांगल चौधरी से विधायक डा. अभय सिंह यादव की टिकट पर कैंची नहीं चलेगी। बावल विधानसभा से डा. बनवारीलाल की टिकट इसलिए पक्की मानी जा रही है, क्योंकि पूर्व सीएम मनोहरलाल ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उनकी टिकट को एक तरह से पक्की कर दिया था, लेकिन यह तब की बात थी। तब बाद में दरिया में बहुत पानी बह चुका है। मनोहर अब दिल्ली जा चुके हैं और चंडीगढ़ की कुर्सी पर नायब सैनी आ चुके हैं, लेकिन हम डा. लाल का दावा अब भी इसलिए मजबूत मान सकते हैं, क्योंकि भाजपा उन्हें काफी समय से अनुसूचित जाति के लीडर के रूप में उभार रही है। हम यहां पर किसी का नाम लेकर यह नहीं कह रहे हैं की उनकी टिकट पर कैंची चल सकती है। हम केवल संभावना व्यक्त कर रहे हैं। अगर अगले तीन महीने में किसी ने अपनी कार्यप्रणाली से छवि में चार चांद लगाए तो हमारा अनुमान गलत साबित हो जाएगा।