भाजपा सरकार पर सैलजा का निशाना, 34.82% ग्रामीण विकास बजट खर्च नहीं

सिरसा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कहती कुछ और करती कुछ और है, जबकि प्रचार सबसे अधिक करती है। ग्रामीण विकास के लिए आवंटित बजट का 34.82% हिस्सा खर्च ही नहीं हो सका, जिससे सरकार की नाकामी उजागर होती है। सैलजा ने संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2024-25 के संशोधित बजट में आवंटित 1,73,804.01 करोड़ रुपए में से केवल 1,13,284.55 करोड़ रुपए खर्च हुए, जिससे 34.82% धनराशि बिना उपयोग के रह गई। उन्होंने कहा कि मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सहित कई योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैं। ग्रामीण विकास योजनाओं की धीमी रफ्तार संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई प्रमुख योजनाओं का आवंटित बजट पूरी तरह खर्च नहीं हो सका। इनमें – प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण): 15,825.35 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: 3,545.77 करोड़ रुपए बचे रह गए। मनरेगा: 1,627.65 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो सके। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन: 2,583.16 करोड़ रुपए का उपयोग नहीं हुआ। नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम: 1,813.34 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना: 1,313.43 करोड़ रुपए का फंड इस्तेमाल नहीं हो सका। सैलजा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि योजनाओं का लाभ तब तक आम जनता को नहीं मिल सकता जब तक आवंटित बजट का पूरा उपयोग न हो। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों के विकास की बातें तो करती है लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं होता। मामूली बजट वृद्धि से विकास बाधित कुमारी सैलजा ने कहा कि 2025-26 के ग्रामीण विकास विभाग के बजट में मात्र 2.27% की वृद्धि हुई, जो कि बेहद कम है। वित्त वर्ष 2024-25 में 1,84,566.19 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जबकि 2025-26 के लिए यह बढ़कर 1,88,754.53 करोड़ रुपए हुआ है। उन्होंने कहा कि मनरेगा, पीएमजीएसवाई और पीएमएवाई-जी जैसी योजनाओं के लिए धनराशि लगभग स्थिर रखी गई है, जिससे विकास कार्यों की गति प्रभावित होगी। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धन की कमी या धीमी कार्यप्रणाली के कारण कोई भी ग्रामीण योजना बाधित न हो। सिरसा में पानी संकट, सांसद ने सीएम को लिखा पत्र सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा जिले में सिंचाई और पीने के पानी की गंभीर समस्या को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सिरसा जिले के 20 गांवों में पानी का गंभीर संकट बना हुआ है, जहां न तो सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध है और न ही पीने के लिए। उन्होंने कहा कि धिंगतानियां चैनल की मांग पिछले सात साल से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह माइनर गांव मंगाला से जमाल तक जाती है, लेकिन आसपास के 20 गांव इससे वंचित हैं। इन गांवों में भूजल स्तर 500 फीट नीचे चला गया है और पानी में नमक की मात्रा अधिक है। ग़ौरतलब है कि पीने के पानी की समस्या से गांव शहीदांवाली, नटार, सलारपुर, बेगू, रंगड़ी खेड़ा, चौबुर्जा सहित एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं। सैलजा ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन गांवों के लिए जलापूर्ति की उचित व्यवस्था की जाए।

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– मनरेगा, पीएमजीएसवाई जैसी योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ीं
– संसदीय समिति की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
– सिरसा में पानी संकट को लेकर सांसद ने लिखा सीएम को पत्र

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सिरसा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कहती कुछ और करती कुछ और है, जबकि प्रचार सबसे अधिक करती है। ग्रामीण विकास के लिए आवंटित बजट का 34.82% हिस्सा खर्च ही नहीं हो सका, जिससे सरकार की नाकामी उजागर होती है।

सैलजा ने संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2024-25 के संशोधित बजट में आवंटित 1,73,804.01 करोड़ रुपए में से केवल 1,13,284.55 करोड़ रुपए खर्च हुए, जिससे 34.82% धनराशि बिना उपयोग के रह गई। उन्होंने कहा कि मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सहित कई योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैं।

ग्रामीण विकास योजनाओं की धीमी रफ्तार

संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई प्रमुख योजनाओं का आवंटित बजट पूरी तरह खर्च नहीं हो सका। इनमें –

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण): 15,825.35 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: 3,545.77 करोड़ रुपए बचे रह गए।
  • मनरेगा: 1,627.65 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो सके।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन: 2,583.16 करोड़ रुपए का उपयोग नहीं हुआ।
  • नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम: 1,813.34 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए।
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना: 1,313.43 करोड़ रुपए का फंड इस्तेमाल नहीं हो सका।

सैलजा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि योजनाओं का लाभ तब तक आम जनता को नहीं मिल सकता जब तक आवंटित बजट का पूरा उपयोग न हो। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों के विकास की बातें तो करती है लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं होता।

मामूली बजट वृद्धि से विकास बाधित

कुमारी सैलजा ने कहा कि 2025-26 के ग्रामीण विकास विभाग के बजट में मात्र 2.27% की वृद्धि हुई, जो कि बेहद कम है। वित्त वर्ष 2024-25 में 1,84,566.19 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जबकि 2025-26 के लिए यह बढ़कर 1,88,754.53 करोड़ रुपए हुआ है।

उन्होंने कहा कि मनरेगा, पीएमजीएसवाई और पीएमएवाई-जी जैसी योजनाओं के लिए धन राशि लगभग स्थिर रखी गई है, जिससे विकास कार्यों की गति प्रभावित होगी। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धन की कमी या धीमी कार्यप्रणाली के कारण कोई भी ग्रामीण योजना बाधित न हो।

सिरसा में पानी संकट, सांसद ने सीएम को लिखा पत्र

सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा जिले में सिंचाई और पीने के पानी की गंभीर समस्या को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सिरसा जिले के 20 गांवों में पानी का गंभीर संकट बना हुआ है, जहां न तो सिंचाई के लिए

पानी उपलब्ध है और न ही पीने के लिए।

उन्होंने कहा कि धिंगतानियां चैनल की मांग पिछले सात साल से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह माइनर गांव मंगाला से जमाल तक जाती है, लेकिन आसपास के 20 गांव इससे वंचित हैं। इन गांवों में भूजल स्तर 500 फीट नीचे चला गया है और पानी में नमक की मात्रा अधिक है।

ग़ौरतलब है कि पीने के पानी की समस्या से गांव शहीदांवाली, नटार, सलारपुर, बेगू, रंगड़ीखेड़ा, चौबुर्जा सहित एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं। सैलजा ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन गांवों के लिए जलापूर्ति की उचित व्यवस्था की जाए।

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