- मुख्यमंत्री बोले: ‘छावा’ से भड़का गुस्सा
- ओवैसी और विपक्ष ने सरकार को ठहराया दोषी
- हिंसा पूर्व नियोजित थी, बोले फडणवीस**
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसा के लिए विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म मुगल बादशाह औरंगज़ेब के अत्याचारों को दर्शाती है, जिससे जनता का गुस्सा भड़का। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है और शांति बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
नागपुर के महाल इलाके में हिंसा सोमवार देर रात भड़की, जब अफवाह फैली कि संभाजीनगर में औरंगज़ेब की कब्र को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान वहां रखे एक धार्मिक प्रतीक का अपमान किया गया। इसके बाद कुछ लोगों ने दुकानों और वाहनों में आग लगा दी।
फडणवीस का दावा – हिंसा पूर्व नियोजित
मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर की हिंसा पहले से तय थी। उन्होंने दावा किया कि भीड़ ने सुनियोजित तरीके से कुछ दुकानों और घरों को निशाना बनाया, जिससे यह साबित होता है कि यह एक साजिश थी। उन्होंने हिंसा भड़काने वाली अफवाहों पर भी चिंता जताई।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी हिंसा को पूर्व नियोजित बताया और कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के दौरान यह घटना हुई।
विपक्ष का पलटवार – ‘सरकार खुद दोषी’
फडणवीस के बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सबसे ज्यादा भड़काने वाला काम सरकार ने किया है और वह खुद को ज़िम्मेदार नहीं मान रही। उन्होंने आरोप लगाया कि औरंगज़ेब की तस्वीरें जलाई गईं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नागपुर बीजेपी का गढ़ है, फिर भी वहां हिंसा कैसे हो सकती है? उन्होंने इसे हिंदुओं को डराने और भड़काने की साजिश बताया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि बीजेपी शासित राज्य में दंगा क्यों हुआ, जबकि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की ज़िम्मेदारी है।
औरंगज़ेब की कब्र पर विवाद
महाराष्ट्र में हिंदूवादी संगठनों ने लंबे समय से औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि औरंगज़ेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी
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