-सांसद ने बढ़ते नशे और खाद की किल्लत पर सरकार को घेरा
-जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता करने पहुंची थी सैलजा
एनजेपी न्यूज, सिरसा: हरियाणा सरकार के अधिकारी विपक्षी सांसदों को अधिक तवज्जो नहीं दे रहे हैं। विशेष रूप से हम पुलिस अधिकारियों की बात कर रहे हैं। सात नवंबर को सिरसा में हुई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) एवं जिला विद्युत समिति की बैठक को देखें तो ऐसा ही नजर आ रहा है। सांसद होने के नाते अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद यहां पहुंची थी।
इस दौरान विधायकों व समिति के अन्य सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखी। सैलजा ने बैठक में कहा कि सरकार को चौकन्ना करना हमारा काम है। अगर कुछ गलत होगा तो हम सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि बैठक में कुछ अधिकारी नहीं आए हैं। अगर आगे ऐसा हुआ तो हम बैठक नहीं लेंगे। बैठक में डीएपी खाद, पीने के पानी, मिट्टी जांच व नशे का मुद्दा उठा। बैठक में सिरसा के विधायक गोकुल सेतिया, डबवाली के विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला, रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला, ऐलनाबाद के विधायक चौ. भरत सिंह बैनीवाल और कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला, सिरसा के उपायुक्त शांतनु शर्मा व कुछ अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। केंद्र सरकार के कुछ अधिकारी भी उपस्थित थे। रेल विभाग की ओर पहुंचे प्रतिनिधि से रेलवे स्टेशन सिरसा में हुए रेनोवेशन कार्य के बारे में जानकारी मांगी गई। यात्रियों की सुविधा के लिए क्या क्या व्यवस्था की गई है। अधिकारी को निर्देश दिया कि अगली बैठक में पूरा ब्यौरा साथ लेकर आए। विधायकों ने डीएपी खाद, सिंचाई पानी और धान की खरीद में की जा रही आनाकानी को लेकर समस्याएं रखी। चौपटा क्षेत्र में नहरी पानी की आपूर्ति की समस्या उठाई तो कालांवाली विधायक ने कहा कि उनके क्षेत्र में सीएससी सेंटर खोले गए जहां पर मनमाना शुल्क वसूल किया जाता है, अगर कोई शुल्क निर्धारित है तो उसकी सूची लगाई जाए साथ ही कुछ सेंटर नाम के लिए ही खोले गए है। गांवों में वाईफाई की सुविधा दी जा रही है या नहीं यह बात भी मौके पर उठाई गई तो इस पर एडीसी को निर्देश दिया गया कि इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर अगली बैठक में रखी जाए। इसके साथ ही पीने के पानी, सिंचाई पानी और मिट्टी की जांच का मुद्दा भी उठाया गया।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सैलजा ने कहा कि इस बैठक में जिला में विकास कार्यों को लेकर प्रजेंटेशन रखा है, यहां जो भी समस्याएं उठाई गई है उनके समाधान की दिशा में प्रशासन कदम उठाएगा। बढ़ता नशा इस जिला की सबसे बड़ी समस्या है, यह मुद्दा पुलिस से जुडा है और बैठक में कोई पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था। जब सैलजा से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह पहली बैठक है। अगर अगली बैठक में सभी विभागों के अधिकारी नहीं आए तो हम बैठक नहीं लेंगे। कांग्रेस फिर इस मुद्दे को सदन में उठाएगी।
पराली जलाने वाले किसानों पर केन्द्र सरकार द्वारा जुर्माना राशि दुगनी किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जुर्माना तो बाद की बात है, पहले किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। अगर सरकार को पराली जलाने की घटना सेटेलाइट से दिखाई देती है तो डीएपी खाद के लिए कतार में लगे किसान भी दिखाई देने चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी विधायकों ने डीएपी खाद की किल्लत का मुद्दा उठाया है। इस बारे में हमने प्रशासन से बात की है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही डीएपी खाद की कमी दूर हो जाएगी। विधानसभा सत्र में कांग्रेस का क्या रुख रहेगा के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो मुद्दे लोगों से जुड़े हुए है, उनके साथ साथ विधायक अपने अपने क्षेत्र के मुद्दे प्रमुखता से उठाएंगे।