बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्र का कड़ा रुख, पश्चिम बंगाल सीमा सुरक्षा पर विवाद
- अमित शाह का बयान: भारत धर्मशाला नहीं, अवैध प्रवासियों पर सख्ती
- नए कानून में विदेशी नागरिकों की निगरानी और सुरक्षा के नए प्रावधान
- बंगाल में सीमा सुरक्षा पर विवाद, फेंसिंग के लिए जमीन देने से इनकार
——————————————————————————————
नई दिल्ली। 27 मार्च को लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पारित हो गया, जिससे अवैध घुसपैठ और विदेशी नागरिकों की निगरानी के नियमों को कड़ा कर दिया गया है। इस बिल पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत अब अवैध घुसपैठियों के लिए खुला दरवाजा नहीं रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यटन के लिए आने वाले विदेशियों का स्वागत किया जाएगा, लेकिन अवैध घुसपैठियों और अशांति फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
शाह ने बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार पर भी निशाना साधा, यह आरोप लगाते हुए कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीमा सुरक्षा के लिए जरूरी फेंसिंग के निर्माण में बाधा डाल रही हैं।
भारत में आने वाले हर विदेशी पर होगी कड़ी निगरानी
इस बिल के तहत भारत में प्रवेश करने वाले हर विदेशी नागरिक की गतिविधियों की सख्तमॉनिटरिंग की जाएगी। इसमें ड्रग्स और हवाला नेटवर्क से जुड़े तत्वों पर कार्रवाई के विशेष प्रावधान हैं। अब सभी विदेशियों के लिए पासपोर्ट और वीजा अनिवार्य होगा, और उनकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक पुख्ता और पारदर्शी बनाया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि इससे पहले भारत के अप्रवासन से जुड़े कानून ब्रिटिश संसद में बनाए गए थे, लेकिन अब भारत अपनी नई संसद में अपने नियम बना रहा है।
बॉर्डर फेंसिंग पर केंद्र-बंगाल में टकराव
बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच टकराव देखने को मिला है। शाह ने कहा कि बंगाल में 450 किमी की सीमा पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं है, जिसके चलते घुसपैठिए आसानी से भारतीय नागरिकता के दस्तावेज बनवा लेते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी जमीन देतीं, तो केंद्र सरकार पूरी सीमा पर फेंसिंग लगा देती।
शाह ने यह भी कहा कि घुसपैठिए सिर्फ अवैध तरीके से भारत नहीं आर हे, बल्कि वे पूरे देश में फैलकर पहचान बदल रहे हैं।
विदेशियों के लिए यात्रा प्रक्रियाओं में सुधार
हालांकि, सरकार ने विदेशी यात्रियों की सुविधा के लिए भी कुछ उपाय किए हैं। अप्रवासन चौकियों की संख्या 73% बढ़ाई गई है, जिससे देश में आने-जाने की प्रक्रिया तेज और सुगम हो सके। 2024 में 8 करोड़ 12 लाखलोगों की आवाजाही दर्ज की गई, और अब फास्टैग अप्रवासन यात्री कार्यक्रम लागू किया गया है, जिस से हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच मात्र 30 सेकंड में हो सकेगी।
भारत धर्मशाला नहीं – शाह
गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत एक धर्मशाला नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और जो लोग गलत इरादों से भारत आएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पहले अवैध घुसपैठ को रोकने का कोई स्पष्टनियम नहीं था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे कानून का रूप दे दिया है।
बजट प्रक्रिया पूरी, वित्तीय विधेयक भी पास
संसद में वित्तीय वर्ष 2025-26 की बजट प्रक्रिया भी गुरुवार को पूरी हो गई। राज्यसभा ने फाइनेंस बिल 2025 को 35 संशोधनों के साथ लोकसभा को लौटा दिया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही एप्रोप्रिएशन बिल भी पास हो गया, जो सरकार की वार्षिक वित्तीय योजनाओं के लिए आवश्यक था।
ग़ौरतलब है कि इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के पारित होने के साथ, भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार अब विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर अधिक कड़ी निगरानी रखेगी और अवैध घुसपैठियों पर सख्त कार्रवाई करेगी। हालांकि, बंगाल सरकार के साथ सीमा सुरक्षा को लेकर जारी विवाद इस मुद्दे को और अधिक राजनीतिक रंग दे सकता है।