हर साल 2 दिंसंबर को वायु प्रदुषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। गुरूग्राम में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय वायु प्रदुषण नियंत्रण दिवस मनाया गया। जिसका नेतृत्व निदेशक एमसीएच (हरियाणा) एवं सिविल सर्जन, गुरूग्राम डॉ. वीरेंद्र यादव ने किया।
वायु प्रदुषण को कम करने के लिए स्वास्थ्य वार्ता, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता सत्रों के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी को याद करते हुए लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व को बताया जिससे हर व्यक्ति में पर्यावरण को बचाने में अपनी भागीदारी दे।
डॉ. विरेंद्र ने वायु प्रदुषण से होने वाली स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), फेफड़ों का कैंसर और अस्थमा सहित कई बीमारियों के बारे जानकारी दी। साथ ही बताया कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से श्वसन संक्रमण भी हो सकता है। वायु प्रदूषण पैदा करने वाली मुख्य गतिविधियों में कार, ट्रक और बस चलाना, कोयला, तेल और लकड़ी जलाना और रासायनिक कारखाने शामिल हैं
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हम स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं, इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दे सकते हैं, निजी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना सकते हैं, औद्योगिक उत्सर्जन को कम कर सकते हैं, पेड़ लगा सकते हैं, जीवाश्म ईंधन को कम जला सकते हैं, अपशिष्ट जलाने से बच सकते हैं और जागरूकता बढ़ा सकते हैं।
जिला गुरुग्राम में सभी स्वास्थ्य संस्थानों के कर्मचारियों और स्कूली बच्चों द्वारा प्लास्टिक के पुनर्चक्रण, पानी और बिजली के संरक्षण, आवश्यकता पड़ने पर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, वृक्षारोपण आदि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यावरण संरक्षण शपथ ली गई।