केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पिछले कई दिनों से कड़े तेवर दिखा रहे हैं, अपनी ही पार्टी पर तीखे कटाक्ष भी कर रहे हैं। लेकिन बीते शनिवार उनका अटेली में आयोजित धन्यवाद समारोह का संबोधन उनकी राजनीतिक तस्वीर लगभग साफ कर गया। जहां एक और राव ने अपनी बात साफ रखी वहीं बेटी आरती राव भी पीछे नही रही और ऐलान कर गई की दो जगह से चुनाव लड़ने की इच्छा में एक जगह मेरे लिए अटेली है। अब ये सब तो हो गई कार्यक्रम की मोटे तौर पर हुई बाते जिनका सबको पता है। हम करते है अब कुछ राजनीतिक समीक्षा की राव के भाषण का क्या मतलब निकाला जाए और उनके तेवर को क्या समक्षा जाए, क्या अकेले दम पर राव तैयार हैं इसलिए या तेवर हैं?
कैबीनेट में पद ना मिलने का भी मलाल
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की विचारधारा कभी संगठन की विचारधारा से मेल नही खाई। एक और भाजपा संघ के हिसाब से चलने वाली पार्टी वहीं दूसरी और राव जिन्हें अपने अनुसार काम करने की आदत। जिसके कारण राव कभी संघ के नही हो पाए और ना संघ राव का। इस बार राव को कैबीनेट में पद ना मिलने का भी मलाल है। जिसपर पिछले कुछ दिनों से राव के समर्थक लगातार बोल रहे थे, लेकिन राव ने खुलकर अपना दर्द बयां नही किया था। अटेली में बोलते वक्त राव का दर्द छलका और उन्होने कहा कि जो पहली बार सांसद बने उन्हें भी मंत्री पद मिला और जो मुझसे निचे रहै उन्हें भी मिला शायद पार्टी यह भूल गई की मैं लगातार छठी बार का सांसद हूं। मुझे कोई अहम पद ना देकर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा राव ने यह भी साफ कर दिया की भाजपा को विधानसभ चुनाव में राव की जरुरत पड़ेगी। बिना राव के पार्टी नुकसान में रहेगी। बातों बातों में राव ने यह भी बता दिया की शायद पार्टी टिकट में उनकी ना सुने तो ऐसे में किसी ऐरे गैरे को नही जिताना बल्कि ठोक कर अपना वोट देना है।
राव पार्टी को जिस तरह से अब आंख दिखा रहे हैं उससे यह तो साफ हो गया है कि लोकसभा में पार्टी के दबाव में रहें राव विधानसभा में अपनी राजनीति करेंगे। उन्होनें साफ तौर पर कहा कि मेरी उमर को देखकर में अगला चुनाव ना लडूं इसलिए मुझै कोई पौध तो लगानी पड़ेगी। और उस पौध को पीपल का पेड़ बनाना है ताकि कोई काटने का सोचे भी ना। राव यह सब कह रहै थे अपनी बेटी आरती राव के चुनावी पारी शुरु कराने को लेकर। पहले ऐसा माना जा रहा था कि शायद बेटी की टिकट के चक्कर में राव चुप रहै लेकिन अब दोनों बाप-बेटी जिस तरह से मुखर होकर बोल रहे हैं, इससे तस्वीर साफ है कि पार्टी टिकट दे तो अच्छा ना दे तो भी अच्छा। आरती तो चुनाव लड़ेगी। मनोहर सराकर पर निशाना साधते हुए राव ने कहा कि कोई ये ना भूले हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता अहिरवाल से होकर जाता है।
हालांकि राव बेशक तेवर दिखा रहै हो लेकिन पीएम मोदी के बारे में बड़ा तोल कर ही बोल रहै है। पीएम मोदी का कामों का जिक्र करते हुए राव यह कहना नही भूलते की इतना विकास पहले कभी नही देखा जो मोदी कार्यकाल में हुआ। राव पार्टी के लिए एक शोफ्ट साइड़ लेकर चल रहै है ताकि आगे वह मोल भाव करने की स्थिती में रहै। अभी भी राव को पार्टी से उम्मीद बाकी है।
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