अगर मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद हों और तारीफ हो रही हो कांग्रेस सरकार की तो आप क्या कहेंगे। निश्चित रूप से इस स्थिति में मंच पर मौजूद नेता का असहज होना स्वभाविक है। हिसार जिले के एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के सामने भी यही हुआ। हिसार जिले के एक व्यापारी नेता रामअवतार तायल ने जब माइक संभाला तो उनके सामने ही हुड्डा सरकार की तारीफ कर दी। विषय था कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थित का। आज हम इसी विषय पर बात करेंगे। व्यापारियों की नाराजगी की बात करें।
दोस्तो, हम एनकाउंटर का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन व्यापारी नेता का यह दर्द हरियाणा की कानून व्यवस्था पर चोट करने वाला है। सरकार को इस पर ध्यान देना ही होगा। राजनीतिक रूप से इस घटनाक्रम की बात करें तो कांग्रेस के लिए व्यापारी नेता का भाषण आक्सीजन का काम करेगा। कांग्रेस के नेताओं ने इस भाषण को भुनाना भी शुरू कर दिया है। कार्यक्रम के बाद जब एक पत्रकार ने राव इंद्रजीत सिंह से यह सवाल किया कि कानून व्यवस्था को लेकर मंच से उठी आवाज पर उनका क्या कहना है? तब राव ने कहा कि, मेरे मुंह से क्यों कहलवाना चाहते हो, तुमने सुन तो लिया। राव ने बिना टिप्पणी सब कुछ कह दिया। अगर राव, पत्रकार की बात और व्यापारी नेता की बात से असहमत होते तो खुलकर नायब सैनी सरकार का बचाव करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। व्यापारी नेता के भाषण को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया है कि-‘आज गैरों की महफिलों में भी ये चर्चे हैं। विकसित हरियाणा चाहिए, सुरक्षित हरियाणा चाहिए तो फिर से हुड्डा जी आने चाहिए।’
व्यापारी नेता ने जो कुछ कहा वह आप वीडियो में सुन चुके हैं। तायल का तर्क है कि जो अच्छे काम करेगा, उसकी प्रशंसा ही होगी। अगर हुड्डा साहब ने अच्छे काम किए थे तो प्रशंसा होगी। आज व्यापारी कहां सुरक्षित है। गृह मंत्रालय भी मुख्यमंत्री के पास है। तेइस फिरौतियां मांगी जा चुकी है। महेंद्र शोरूम पर फायरिंग हो चुकी है। सीएम उनका हालचाल जानने नहीं आए हैं। जब हुड्डा साहब की सरकार थी तब पांच-सात बदमाशों के एनकांउटर किए थे, जिससे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगा था।
खैर, यह तो व्यापारी नेता का अपना तर्क है। हमारा यह मानना है कि अपराधी को सजा देने का काम अदालत के पास ही रहना चाहिए। हां, पुलिसिंग अच्छी हो। पुलिस को किसी अपराधी को गिरफ्तार करने में नाकाम नहीं रहना चाहिए। हां, किसी बदमाश को दबोचते समय अगर एनकाउंटर हो जाता है तो फिर उसे कुछ हद तक तर्कसंगत ठहराया जा सकता है। हम थोड़ा विषय से भटक गए। बात व्यापारी नेता के बयान की थी। यह बयान कांग्रेसियों को खुशी और भाजपाइयों को मायूसी दे गया। देखते हैं भाजपा वाले क्या तोड़ निकालते हैं।
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