हरियाणा को अभी तक नहीं मिली कोई महिला मुख्यमंत्री, सिर्फ 87 महिलाएं पहुंची विधानसभा

हरियाणा को अभी तक नहीं मिली कोई महिला मुख्यमंत्री, सिर्फ 87 महिलाएं पहुंची विधानसभा

हरियाणा में अब तक कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं बनी है। विधानसभा में सिर्फ 87 महिलाएं चुनी गई हैं। 1966 में हरियाणा राज्य बना था, तब से यह स्थिति बनी हुई है।

चुनाव में महिलाओं की संख्या

इस बार के चुनाव में सिर्फ 51 महिला उम्मीदवार हैं। इनमें से अधिकांश का संबंध राजनीतिक परिवारों से है या वे जाने-माने चेहरे हैं। प्रमुख दलों ने कई महिलाओं को टिकट दिया है, लेकिन संख्या अभी भी कम है।

राजनीतिक दलों का योगदान

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सबसे ज्यादा, यानी 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इसके बाद इनेलो और बसपा ने मिलकर 11 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया। भाजपा ने 10 महिलाओं को चुनाव में उतारा है।

जजपा और आसपा ने मिलकर 8 महिला उम्मीदवारों को चुना है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 90 उम्मीदवारों में से 10 महिलाओं को शामिल किया है।

पिछले चुनावों का रिकॉर्ड

हरियाणा में पिछले पांच विधानसभा चुनावों में कुल 47 महिलाएं विधायक बनी हैं। 2014 में सबसे ज्यादा 116 महिला उम्मीदवार थीं, जिनमें से 13 ने जीत दर्ज की थी। 2019 में यह संख्या घटकर 104 रह गई और अब केवल 51 हैं।

लैंगिक अनुपात की स्थिति

हरियाणा अपने खराब लैंगिक अनुपात के लिए जाना जाता है। 2023 में हरियाणा में प्रति 1,000 लड़कों पर 916 लड़कियां थीं। यह स्थिति चिंताजनक है और समाज में असमानता को दिखाती है।

महिलाओं के लिए आरक्षण

केंद्र सरकार ने महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया है। लेकिन इसे 2029 में लागू किया जाएगा। यह महिलाओं के लिए मजाक जैसा है, क्योंकि उन्हें अभी भी राजनीति में सही प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।

गौरतलब है कि हरियाणा में महिलाओं की राजनीतिक स्थिति सुधारने की जरूरत है। अधिक महिलाओं को राजनीति में आगे आना होगा। इसके लिए समाज में बदलाव और समर्थन की आवश्यकता है। राजनीतिक दलों को भी महिलाओं को ज्यादा मौका देना चाहिए। इससे हरियाणा का विकास और लैंगिक समानता बढ़ेगी।