नईदिल्ली।दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली के चलते लोग निजी वाहनों पर अधिक निर्भर हो गए हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की एक रिपोर्ट के अनुसार, लास्ट माइल कनेक्टिविटी की समस्या के कारण लोग मेट्रो या बस तक पहुंचने के लिए भी निजी गाड़ियां और टू-व्हीलर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 49% लोग सफर के लिए प्राइवेट व्हीकल का उपयोग करते हैं, जिनमें से केवल 2% लोग अपने गंतव्य से 500 मीटर की दूरी तक वाहन पार्क करते हैं, जबकि यह दूरी पैदल तय की जानी चाहिए। सीधे गंतव्य तक जा रहे निजी वाहन रिपोर्ट के अनुसार, 10% लोग मेट्रो या ट्रेन तक अपनी कार से पहुंचते हैं, जबकि 60% लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय सीधे अपनी कार से गंतव्य तक जाते हैं। इसी तरह, 75% टू-व्हीलर चालक भी सीधे अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। मेट्रो यात्रियों में से 20% इसे सेकेंडरी ट्रांसपोर्ट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें 7% लोग निजी गाड़ियों से मेट्रो स्टेशन तक आते हैं। बस सेवा की खराब स्थिति दिल्ली में बसों की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। केवल 9% लोग किसी न किसी मोड़ पर बस का उपयोग कर रहे हैं, जबकि 7% इसे सेकेंडरी ट्रांसपोर्ट के रूप में अपना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 4.5% यात्री पैदल चलकर बस स्टॉप तक पहुंचते हैं। बस सेवा की अव्यवस्था के कारण लोग मेट्रो के मुकाबले इसे कम प्राथमिकता देते हैं, जिससे सार्वजनिक परिवहन की हालत और खराब हो रही है। तेजी से बढ़ते निजी वाहन, टैक्स सिस्टम में बदलाव…