विधानसभा में ओपी यादव ने पूछा नसीबपुर के शहीद स्मारक का सवाल, राव नरबीर ने नहीं दिया ठोस जवाब
नसीबपुर में शहीद स्मारक पर नरबीर की ‘ना’ठंडे जवाब से अहीरवाल की राजनीति गर्मलोगों को पसंद नहीं आया मंत्री का रुखा जवाब एनजेपी न्यूज, हरियाणा:अहीरवाल…
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नसीबपुर में शहीद स्मारक पर नरबीर की ‘ना’ठंडे जवाब से अहीरवाल की राजनीति गर्मलोगों को पसंद नहीं आया मंत्री का रुखा जवाब एनजेपी न्यूज, हरियाणा:अहीरवाल…
एनजेपी न्यूज, रेवाड़ी: सेक्टर तीन के कम्युनिटी सेंटर में वैसे तो कई वर्षो से योग सेवा समिति के योग शिविर आयोजित होते रहे हैं, लेकिन 27 से…
क्या हम कहेंगे एक थी जजपा? क्या इनेलो का बचेगा अस्तित्व? क्या करेंगे हुड्डा, अभय व दुष्यंत? एक दिन पूर्व 25 मार्च को ही इनेलो ने…
अपर्णा संस्था प्रबंधन तथा नियंत्रण ग्रहण विधेयक 2025 हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, राव नरबीर सिंह विधानसभा में ‘अपर्णा संस्था प्रबंधन तथा नियंत्रण ग्रहण विधेयक 2025’ पेश…
विधानसभा सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बहाने एक बार फिर खुद को नंबर टू बता दिया। मतलब वही…
——————————————————— चंडीगढ़।हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) सूची से तीन जातियों—’चूरा’, ‘भंगी’ और ‘मोची’—को हटाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। सरकार चाहती थी कि इन जातियों को ‘बाल्मीकि’ और ‘चमार’ के नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। राज्य सरकार का तर्क था कि मौजूदा नाम अक्सर अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल किए जाते हैं, इसलिए इन्हें बदला जाना चाहिए। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और इसे असंवैधानिक बताया। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने हरियाणा सरकार को जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि अनुसूचित जाति सूची में किसी भी जाति को जोड़ने या हटाने का अधिकार केवल संसद के पास है, राज्य सरकार के पास नहीं। 2013 का आदेश भी असंवैधानिक हरियाणा सरकार ने केंद्र को भेजे पत्र में 2013 के एक सरकारी आदेश का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि ‘चूरा’, ‘भंगी’ और ‘मोची’ को अनुसूचित जाति सूची से हटाकर ‘बाल्मीकि’ और ‘चमार’ नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। इस आदेश को सभी जिला प्रशासन और जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों को भेजा गया था। केंद्र सरकार ने इस आदेश को भी गलत ठहराया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार, अनुसूचित जाति सूची में कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है। इसलिए, 2013 में हरियाणा सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश भी असंवैधानिक है और इसे बदला जाना चाहिए। केंद्र सरकार का तर्क केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण और अन्य सरकारी लाभ केवल उसी जाति नाम से मिल सकते हैं, जो आधिकारिक सूची में दर्ज है। अगर कोई जाति ‘चूरा’ के नाम से सूचीबद्ध है, तो उसे आरक्षण का लाभ ‘बाल्मीकि’ के नाम से नहीं मिल सकता। इससे स्पष्ट होता है कि जाति नाम बदलने से लोगों को मिलने वाले संवैधानिक अधिकारों और सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावित होगा। क्या होगा अगला कदम? केंद्र सरकार के फैसले के बाद, हरियाणा सरकार को अब अपने 2013 के आदेश की समीक्षा करनी होगी और नए आदेश जारी करने होंगे। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि अनुसूचित जातियों की सूची में कोई भी बदलाव केवल संसद की मंजूरी के बाद ही किया जा सकता है।
चंडीगढ़। हरियाणा में मंगलवार (25 मार्च) को नगर निकाय चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। पंचकूला में हुए इस कार्यक्रम में 10 नगर निगमों के मेयर, 28 नगर पालिका व नगर परिषदों के प्रधान, और 687 वार्डों के पार्षदों-सदस्यों ने शपथ ली। इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नगर निकायों को ₹587 करोड़ की राशि जारी करने की घोषणा की और पार्षदों की सुविधा के लिए डिजिटल सेवाओं की शुरुआत की। नगर निकायों के 725 प्रतिनिधियों ने शपथ ली शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत अंबाला उपचुनाव में मेयर बनीं शैलजा सचदेवा के शपथ लेने से हुई। इसके बाद 7 नगर निगमों के अन्य मेयरों और वार्ड पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया। सोनीपत निगम उपचुनाव में विजयी मेयर राजीव जैन ने भी शपथ ली। इसके बाद नगर परिषदों, नगर पालिकाओं के प्रधान और पार्षदों ने शपथ ली। CM सैनी के संबोधन की 3 मुख्य बातें मेयरों और अन्य निकाय प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने मेयरों और अन्य निकाय पदाधिकारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की। अब मेयर का मानदेय ₹30,000, सीनियर डिप्टी मेयर का ₹25,000 और डिप्टी मेयर का ₹20,000 होगा। नगर परिषद प्रधान को ₹18,000, नगर पालिका प्रधान को ₹15,000, उप प्रधान को ₹12,000 और पार्षदों को भी बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। डिजिटल सेवाओं…
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा, विधानसभा कमेटी ने जताई गबन की आशंका और सख्त कार्रवाई की सिफारिश गुरुग्राम। हरियाणा के 62 शहरी निकायों, जिनमें 10 नगर निगम भी शामिल हैं, में 1,400 करोड़ रुपये के खर्च का कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह रकम टेंपरेरी एडवांस के रूप में अधिकारियों को विकास कार्यों के लिए दी गई थी, लेकिन इसका उपयोग किस तरह हुआ, इसके सबूत नहीं मिले। मामला विधानसभा की शहरी स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज संस्था कमेटी की समीक्षा में सामने आया, जब 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट पेश की गई। कमेटी ने इस अनियमितता को लेकर सरकार से गबन की आशंका जताई है और जांच के आदेश देने के साथ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है। खास बात यह है कि जिन 9 नगर निगमों में गड़बड़ी पाई गई, वहां हाल ही में चुनाव हुए हैं और नए मेयरों का शपथ ग्रहण इसी महीने होना है। क्या है टेंपरेरी एडवांस और इसमें कैसे हुई…
वेतनमें 24% इजाफा | पूर्व सांसदों की पेंशन ₹31 हजार | भत्ते और सुविधाएं भी बढ़ीं नई दिल्ली। सरकार ने सांसदों के वेतन में 24% की बढ़ोतरी कर दी है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी की। अब सांसदों को प्रति माह ₹1.24 लाख वेतन मिलेगा, जो पहले ₹1 लाख था। यह बढ़ोतरी कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (लागत मुद्रास्फीति सूचकांक) के आधार पर 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। पूर्व सांसदों की पेंशन और अन्य भत्ते भी बढ़े सांसदों को ये अतिरिक्त भत्ते भी मिलेंगे…
चरखी दादरी। भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने रविवार को चरखी दादरी में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार देसी दारू बनाने की अनुमति देती है, तो इससे न केवल किसानों की आय में तिगुनी बढ़ोतरी हो सकती है, बल्कि नकली शराब पर भी अंकुश लगेगा। इस बयान में उन्होंने देसी दारू के उत्पादन को किसानों के उत्पादों से जोड़ने का प्रस्ताव रखा, जिससे कृषि क्षेत्र को नया अवसर मिलेगा और हरियाणा की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। देसी दारू से कृषि आधारित उद्योग को मिलेगा नया बाजार सांसद धर्मबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देसी दारू बनाने की अनुमति मिलने से किसानों के उत्पादों जैसे जौ, अंगूर, गन्ने का रस और अन्य प्राकृतिक पौधों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे किसानों को न केवल एक नया बाजार मिलेगा, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों का भी विकास होगा। उनका मानना है कि इस कदम से हरियाणा के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। इसके अलावा, धर्मबीर सिंह ने यह भी कहा कि इस कदम से नकली शराब के उत्पादन पर रोक लगेगी, जिससे शराब पीने से होने वाली मौतों की घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे अवैध शराब की समस्या हल होगी और जनता को सुरक्षित शराब मिल सकेगी। आर्थिक और सामाजिक विकास की नई दिशा धर्मबीर सिंह ने क्षेत्र के विकास को लेकर भी अपनी योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि चरखी- दादरी में आईआईटी और औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे गए हैं। अगर इन परियोजनाओं पर काम शुरू होता है, तो यह क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। सांसद ने यह भी दावा किया कि बीजेपी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और 2047 तक हरियाणा और केंद्र में केवल …