हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। भाजपा और जजपा के कई प्रत्याशी प्रचार में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। खासकर, किसानों में भाजपा के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
दादरी में सतपाल सांगवान का विरोध
दादरी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सुनील सांगवान के पिता और पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान का ग्रामीणों ने विरोध किया। जब सतपाल गांव में वोट मांगने पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। यह स्थिति उस समय हुई जब वे अपने बेटे के लिए वोट मांगने पहुंचे थे।
सुनील सांगवान का बैकग्राउंड
सुनील सांगवान पहले रोहतक के सुनारिया जेल के जेलर थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने राम रहीम को कई बार पैरोल और फरलो दिलवाई। इस बार भाजपा ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। सतपाल सांगवान इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
कृष्ण बेदी का विरोध
नरवाना विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी कृष्ण बेदी को भी विरोध का सामना करना पड़ा। वह करमगढ़ गांव में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। वहां लोगों ने उनसे सवाल पूछे कि उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन क्यों नहीं किया?
ग्रामीणों का गुस्सा
ग्रामीणों ने कृष्ण बेदी से पूछा कि उन्होंने भाजपा से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। इसी बीच, ग्रामीणों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई। कृष्ण बेदी को गांववालों ने काले झंडे भी दिखाए।
भिखेवाला गांव में भी विरोध
कृष्ण बेदी का इससे पहले भिखेवाला गांव में भी विरोध हो चुका है। किसान आंदोलन को लेकर उनका समर्थन न होने से लोग नाराज हैं।
किसानों की स्थिति
किसान इस बार चुनाव में भाजपा को लेकर बहुत गुस्से में हैं। यह गुस्सा भाजपा प्रत्याशियों पर भारी पड़ रहा है। अगर यह स्थिति बनी रही, तो भाजपा को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
भाजपा की चुनौतियां
भाजपा को अपनी चुनावी रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है। किसानों के समर्थन के बिना चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। किसानों का गुस्सा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है।
इस प्रकार, हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों का विरोध बढ़ रहा है। किसान अपने हक के लिए आवाज उठा रहे हैं।