अभय चौटाला का सात राज्यों में प्रदेशाध्यक्ष बनाने का मतलब-सत्ता के लिए होगा संघर्ष
क्या हम कहेंगे एक थी जजपा? क्या इनेलो का बचेगा अस्तित्व? क्या करेंगे हुड्डा, अभय व दुष्यंत? एक दिन पूर्व 25 मार्च को ही इनेलो ने…
NEWS FOR JUSTICE AND PARITY
क्या हम कहेंगे एक थी जजपा? क्या इनेलो का बचेगा अस्तित्व? क्या करेंगे हुड्डा, अभय व दुष्यंत? एक दिन पूर्व 25 मार्च को ही इनेलो ने…
विधानसभा सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बहाने एक बार फिर खुद को नंबर टू बता दिया। मतलब वही…
नईदिल्ली।दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली के चलते लोग निजी वाहनों पर अधिक निर्भर हो गए हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की एक रिपोर्ट के अनुसार, लास्ट माइल कनेक्टिविटी की समस्या के कारण लोग मेट्रो या बस तक पहुंचने के लिए भी निजी गाड़ियां और टू-व्हीलर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 49% लोग सफर के लिए प्राइवेट व्हीकल का उपयोग करते हैं, जिनमें से केवल 2% लोग अपने गंतव्य से 500 मीटर की दूरी तक वाहन पार्क करते हैं, जबकि यह दूरी पैदल तय की जानी चाहिए। सीधे गंतव्य तक जा रहे निजी वाहन रिपोर्ट के अनुसार, 10% लोग मेट्रो या ट्रेन तक अपनी कार से पहुंचते हैं, जबकि 60% लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय सीधे अपनी कार से गंतव्य तक जाते हैं। इसी तरह, 75% टू-व्हीलर चालक भी सीधे अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। मेट्रो यात्रियों में से 20% इसे सेकेंडरी ट्रांसपोर्ट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें 7% लोग निजी गाड़ियों से मेट्रो स्टेशन तक आते हैं। बस सेवा की खराब स्थिति दिल्ली में बसों की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। केवल 9% लोग किसी न किसी मोड़ पर बस का उपयोग कर रहे हैं, जबकि 7% इसे सेकेंडरी ट्रांसपोर्ट के रूप में अपना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 4.5% यात्री पैदल चलकर बस स्टॉप तक पहुंचते हैं। बस सेवा की अव्यवस्था के कारण लोग मेट्रो के मुकाबले इसे कम प्राथमिकता देते हैं, जिससे सार्वजनिक परिवहन की हालत और खराब हो रही है। तेजी से बढ़ते निजी वाहन, टैक्स सिस्टम में बदलाव…
रेवाड़ी, एनजेपी न्यूज। शहर की मार्केट में लगने वाले संडे बाजार पर कोर्ट का डंडा चल गया है। अब रविवार को संडे बाजार के नाम…
-क्रिकेट, ब्रिटिश पत्रकारिता और निष्पक्षता पर कैसे चली थी लोहिया की लेखनी -पत्रकारिता का वर्तमान और अतीत, पढ़िए और अंतर समझिए -हुकमदेव नारायण यादव ने…
क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए कांग्रेस हाईकमान को आंख दिखाएंगे? क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा हाईकमान के सामने समर्पण करेंगे? क्या…
अशोक गेहलोत, प्रमोद तिवारी, मनोज झां, योगिंद्र यादव ने एक साथ मंच सांझा कर चिरंजीव राव को जीताने की अपील की रेवाडी विधानसभा से काग्रेस…
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचंड बहुमत मिलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने पार्टी की एकता पर…
हरियाणा में विधानसभा चुनावों का प्रचार जोर पकड़ लिया है, जहां जनता अब अपने नेताओं से सीधे सवाल पूछ रही है। पुराने वादों का हिसाब…
हरियाणा में भाजपा अपनी चुनावी रणनीति बदल रही है। अब पार्टी दलितों और ओबीसी पर ज्यादा ध्यान दे रही है। ये समूह राज्य की आबादी…