आवेदन बढ़ने के कारण कांग्रेस को बढ़ानी पड़ी तिथि
अभी हुड्डा, सैलजा, सुरजेवाला का किनारा
हरियाणा में बगैर संगठन कामकाज चला रही कांग्रेस में इन दिनों आवेदन ही ‘शुभ’ संकेत हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तरफ से आवेदन मांगे गए हैं। एक महीने से प्रक्रिया चल रही है। हालात ये हैं कि हर सीट पर 10 से 15 दावेदार हो गए हैं। जबकि आवेदन आने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। जिसकी वजह से कांग्रेस को आवेदन की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर 10 अगस्त करना पड़ा है। पहले ये प्रक्रिया 31 जुलाई तक चलनी थी।
दरअसल, पिछले चुनाव में इलेक्शन लड़ने से किनारा करने वाले नेता भी इस बार टिकट की भागदौड़ कर रहे हैं। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें है। इन पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस की तरफ से तकरीबन 1100 आवेदन आ चुके हैं। यानी हर सीट पर 10 से 15 नेता दावेदारी ठोक रहे हैं। खास बात ये हैं कि मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला और चौधरी बीरेंद्र सिंह ने अभी तक आवेदन नहीं किया हैं।
उदयभान और जितेंद्र भारद्वाज ने ठोकी ताल
आवेदन करने वालों में कांग्रेस के बड़े नेताओं में प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान और कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज शामिल हैं। उदयभान ने पलवल की होडल सीट तो जितेंद्र ने गुरुग्राम की सोहना सीट के लिए आवेदन किया हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे नेता है, जिन्होंने इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद टिकट के जुगाड़ के लिए दिल्ली तक की भागदौड़ शुरू कर दी हैं।
सैलजा अलग ले रही आवेदन
बता दें कि हरियाणा में आवेदन दो स्तर पर लिए जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया जहां आवेदन ले रहे हैं, तो वहीं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए खुद भी आवेदन ले रही हैं। जिससे समर्थकों की जीत होने पर सीएम की कुर्सी के लिए दावेदारी मजबूत हो सके। वहीं रणदीप सुरजेवाला के समर्थित नेता प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ ही सुरजेवाला के पास भी अपनी ‘कुंडली’ भिजवा रहे हैं, जिससे उन्हें असानी से टिकट मिल सके।
दक्षिणी हरियाणा में 10 साल का सूख खत्म करने की आस
कांग्रेस के लिए पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा कोई इलाका चुनौती रहा तो वह दक्षिणी हरियाणा रहा। जहां पिछले दो चुनावों में उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस को समर्थन नहीं मिला। हालांकि लोकसभा चुनाव में मिली उर्जा ने इस बेल्ट में सुगबुगाहट बढ़ा दी हैं। यहीं कारण है कि गुरुग्राम, बादशाहपुर, बावल, रेवाड़ी, कोसली, पटौदी जैसी सीटों पर एक नहीं, बल्कि 5 से 8 नेता दावेदारी ठोक रहे हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दक्षिणी हरियाणा की कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन इन सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने कड़ी टक्कर जरूर दी है।