अहीरवाल की सियासत गरमाई, मंत्री नरबीर ने मेयर विवाद पर साधा निशाना

अहीरवाल की सियासत गरमाई, मंत्री नरबीर ने मेयर विवाद पर साधा निशाना

मानेसर मेयर पर मंत्री नरबीर की नाराजगी, राव इंद्रजीत पर तीखा वार

  • क्रिमिनल को भाजपा में शामिल न करने की नसीहत
    • 2019 में राजनीति का शिकार होने का दावा
      • अहीरवाल में दो दिग्गजों की बढ़ती सियासी टकराहट

गुरुग्राम – हरियाणा के वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने केंद्रीय राज्य मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह पर तीखा  हमला बोला है। उन्होंने मानेसर मेयर चुनाव के संदर्भ में पार्टी को नसीहत दी कि “क्रिमिनल छवि के लोगों को भाजपा में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस पर अंतिम निर्णय संगठन का होगा। उनका यह बयान पूर्व गैंगस्टर राकेश हयातपुर की पत्नी डॉ. इंद्रजीत यादव को लेकर आया, जिन्होंने हाल ही में भाजपा उम्मीदवार सुंदर लाल यादव को हराकर निर्दलीय चुनाव जीता था।

मेयर के पति की राव इंद्रजीत से नजदीकी

मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव खुद को राव इंद्रजीत समर्थक बताकर चुनाव लड़ रही थीं। हाल ही में उनके पति राकेश हयातपुरिया ने राव इंद्रजीत से मुलाकात की थी और कहा था, “अगर राजा साहब (राव इंद्रजीत) कहेंगे, तो भाजपा में शामिल हो जाऊंगा।” इसे लेकर ही राव नरबीर सिंह ने अपनी नाराजगी जताई।

“2019 में राजनीति का शिकार हुआ था”

राव नरबीर ने नारनौल में आयोजित वन विभाग के कार्यक्रम में कहा, “मैं 2019 में राजनीति की भेंट चढ़ा था, लेकिन इस बार नहीं। अब आपके सामने विधायक और मंत्री हूं।” उन्होंने अटेली के पूर्व विधायक सीताराम को टिकट न मिलने पर भी तंज कसा और कहा कि कई बार लोग राजनीति के शिकार हो जाते हैं।

अहीरवाल में बढ़ी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा

अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत और राव नरबीर के बीच दशकों से राजनीतिक टकराव रहा है। राव नरबीर के पिता राव महाबीर सिंह तीन बार विधायक और मंत्री रहे थे, जबकि राव इंद्रजीत के पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 26 साल की उम्र में ही राव नरबीर ने 9225 वोटों से राव इंद्रजीत को पहले ही चुनाव में हराया था।

2024 में अमित शाह से मिलकर पाए टिकट

2019 में राव नरबीर की टिकट कट गई थी, लेकिन 2024 में उन्होंने सीधे गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर टिकट लिया।अहीरवाल में दोनों नेता एक-दूसरे  के  विरोधी  माने  जाते  हैं  और  यह  सियासी  टकराव  अब  भाजपा  के  अंदरूनी  विवाद  में  बदलता दिख रहा है।

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