हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024, 5 अक्टूबर को होंगे, जिसमें सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी 10 सीटें जीतीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में उसे बहुमत नहीं मिला। इस बार भाजपा का जीत का औसत अंतर 25,000 और कांग्रेस का लगभग 30,000 रहने का अनुमान है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर 2024 को होने जा रहे हैं, जिसमें सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले पांच वर्षों में राज्य में हुए चुनावों के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच की प्रतिस्पर्धा में कड़ी हुई है।
पिछले चुनावों का संदर्भ
2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 सीटें जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की थी। पार्टी ने 2014 के चुनावों में प्राप्त 7 सीटों की तुलना में 2019 में बेहतर प्रदर्शन किया। उस वर्ष ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने 2 सीटें और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी। यह चुनाव राज्य की राजनीति में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
विधानसभा क्षेत्रवार स्थिति
2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 79 में जीत हासिल की। पार्टी की जीत का औसत अंतर 50,000 वोटों का रहा, जो उस समय प्रभावशाली माना गया। वहीं, कांग्रेस केवल 10 विधानसभा क्षेत्रों में ही आगे रही और उसका औसत अंतर 32,000 वोट था।
जेजेपी का प्रदर्शन
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), जिसका नेतृत्व दुष्यंत चौटाला कर रहे हैं, ने 2018 में INLD से अलग होने के बाद चुनाव में भाग लिया था। जेजेपी ने केवल नारनौंद विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की, जहाँ उसे 56,007 वोट मिले। अन्य सभी पार्टियों के बीच जीत का औसत अंतर 47,000 वोट था, जिससे स्पष्ट होता है कि कुछ क्षेत्रों में ही कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली।
कांग्रेस का दूसरा स्थान
2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 73 में दूसरे स्थान पर स्थान प्राप्त किया। भाजपा उन सभी 11 क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही, जहाँ उसे जीत नहीं मिली, जबकि 6 क्षेत्रों में जेजेपी ने दूसरा स्थान हासिल किया।
2019 विधानसभा चुनाव के नतीजे
2019 विधानसभा चुनाव, आम चुनावों के ठीक पांच महीने बाद हुए थे। इस चुनाव में, भाजपा अपने लोकसभा प्रदर्शन से नीचे आ गई और बहुमत के आंकड़े से 6 सीटें कम रह गई। भाजपा ने 40 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 31, जेजेपी ने 10 और INLD ने एक सीट जीती। जेजेपी ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया।
कड़ा मुकाबला
2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने आराम से जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में चुनाव अधिक प्रतिस्पर्धात्मक हो गए। 47 सीटें, जो कुल सीटों का लगभग आधा हिस्सा हैं, 10% से कम वोटों के अंतर से जीती गईं। भाजपा द्वारा जीती गई 40 सीटों में से 19 सीटें ऐसे कड़े मुकाबले वाली सीटों पर आईं, जहाँ कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति मजबूत की।
2024 चुनाव की अपेक्षाएं
2024 के चुनावों में भाजपा की जीत का औसत अंतर 2019 में 50,000 वोटों से घटकर 25,000 हो गया है, जबकि कांग्रेस का जीत का अंतर लगभग 30,000 पर स्थिर रहा है। इस प्रकार, हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में संभावित परिणामों और राजनीतिक स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में इन चुनावों के नतीजे महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं, और राज्य की राजनीति को नई दिशा देने की क्षमता रखते हैं।