हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने के लिए अपना-अपना घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। भाजपा ने आज अपना 20 सूत्रीय ‘संकल्प पत्र’ जारी किया, जिसमें विभिन्न वर्गों के लिए कई वादे शामिल हैं। इस बीच, कांग्रेस ने भी 18 सितंबर को अपना घोषणापत्र जारी किया था। आइए, दोनों दलों के घोषणापत्रों की तुलना करते हैं और देखते हैं कि किसके घोषणापत्र अधिक दमदार और भविष्य में वादों को पूरा किए जाने की संभावनाएं किसमें अधिक हैं?
भाजपा के प्रमुख वादे
महिलाओं को वित्तीय सहायता: भाजपा ने लाडो लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया है। इसका मकसद महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।
रोजगार के अवसर: हरियाणा के अग्निवीरों को नौकरी देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, 2 लाख युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरी का भरोसा दिया गया है।
किसानों की सहायता: भाजपा ने 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की बात कही है, जिससे किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
छात्राओं को स्कूटी: ग्रामीण छात्राओं को स्कूटी देने का वादा किया गया है, ताकि वे शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा महसूस कर सकें।
स्वास्थ्य सेवाएं: ‘चिरायु आयुष्मान योजना’ के तहत 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं में सहारा मिलेगा।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में क्या किया वादे?
कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में कई महत्वपूर्ण वादे किए हैं:
पेंशन योजना: वरिष्ठ नागरिकों को हर महीने 6,000 रुपये की पेंशन देने का वादा किया गया है। इससे बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
पुरानी पेंशन योजना: कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात की है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
भ्रष्टाचार और नशामुक्ति: कांग्रेस ने हरियाणा को नशामुक्त बनाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने का भी वादा किया है।
बिजली और आवास: गरीब परिवारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 100 गज के प्लॉट देने का वादा किया गया है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
किसानों के लिए कानूनी MSP: कांग्रेस ने किसानों को कानूनी रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का भी वादा किया है।
भाजपा और कांग्रेस के घोषणापत्रों में अंतर
भाजपा का घोषणापत्र मुख्य रूप से महिलाओं, युवाओं, और किसानों पर केंद्रित है, जबकि कांग्रेस का घोषणापत्र वरिष्ठ नागरिकों, नशामुक्ति, और भ्रष्टाचार पर जोर देता है। भाजपा ने आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसरों पर ध्यान दिया है, जबकि कांग्रेस ने सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजनाओं पर अधिक जोर दिया है।
भाजपा का दृष्टिकोण आर्थिक विकास और युवाओं को रोजगार देने पर है, जबकि कांग्रेस का फोकस सामाजिक न्याय और समानता पर है। भाजपा की योजनाएं मौजूदा सरकार की नीतियों के निरंतरता की ओर इशारा करती हैं, जबकि कांग्रेस का घोषणापत्र एक बदलाव की आवश्यकता को दर्शाता है।
गौरतलब है कि इन सभी वादों और घोषणापत्रों के बीच हरियाणा की राजनीति में यह चुनाव महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जिससे भविष्य की दिशा तय होगी।