पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान पहले भी आंदोलनरत था और आज भी आंदोलनरत है पर भाजपा सरकार अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी है, सच तो ये है कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उपेक्षा का शिकार है। किसान आज भी खाद-बीज और अन्य सुविधाओं के लिए लाइनों में लगा हुआ है। किसानों को आलू, गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के लिए डीएपी और अन्य उर्वरकों के लिए भटक रहे है। सरकार किसानों को विश्वास में लेकर बातचीत के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान करे। साथ ही उन्होंने हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करने से पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि अगर सरकार ने अपना रवैया न बदला तो एक दिन देश का किसान सरकार ही बदलकर रख देगा।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर भाजपा सरकार अपने ही आंकड़ों को देखकर उसे दोगुना करने की बात कर रही है तो क्या किसानों के साथ अन्याय और धोखा नहीं है? हालात ये है कि किसान के लिए एक महीना गुजारना मुश्किल है, उसे नहीं पता अगले महीने या फिर पांच महीने बाद वो क्या करेगा। किसान जानता है कि भाजपा सरकार एक जुमलेबाज सरकार है। केंद्र सरकार की तानाशाही के चलते अन्नदाता किसान चौतरफा संकटों से घिरा हुआ है। यह सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह उदासीन है। भाजपा सरकार में पूरे सिस्टम पर भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता हावी है। किसानों को लेकर हमेशा इस सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण रहा है। भाजपा सरकार की नीतियां किसान विरोधी और शोषणकारी है। किसानों का हर स्तर पर शोषण हो रहा है। पूरे देश का किसान भाजपा के झूठ और लूट को समझ चुका है। अब किसान इस सरकार को बर्दास्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं को समाधान कर दिया होता तो कही पर भी किसान भी आंदोलनरत न होता, किसान पहले भी आंदोलनरत था और आज भी है। सरकार किसानों को आश्वासन देने के बजाए उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक कदम उठाए, किसानों से जो भी वायदे किए गए थे उन्हें पूरा किया जाए और जो भी समस्याएं शेष है उन्हें बातचीत के जरिये सुलझाया जाए, किसानों को एक मंच पर बुलाकर बातचीत की जाए। उन्होंने हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करने से पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि अगर सरकार ने अपना रवैया न बदला तो एक दिन देश का किसान सरकार ही बदलकर रख देगा। उन्होंने कहा कि एक ओर किसान धरना प्रदर्शन कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहता है तो दूसरी ओर आवाज उठाने पर किसानों को गिरफ्तारी कर उन्हें जेल में डाला जाता है या लाठियां भांजकर उनकी आवाज दबाई जाती है।