हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 26 सितंबर से प्रचार की शुरुआत कर चुके है। उनका मुख्य ध्यान दलित वोटों को आकर्षित करना और भाजपा की मजबूत स्थिति को चुनौती देना है। कुमारी सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के साथ मिलकर राहुल गांधी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश करेंगे, जिससे कांग्रेस को लाभ मिलने की उम्मीद है।
दलित वोटों पर ध्यान
हरियाणा में इस बार दलित वोटों को बहुत महत्व दिया जा रहा है। कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि दलित वोट उनकी पार्टी के साथ रहेंगे। भाजपा भी दलित वोटों को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है।
कुमारी सैलजा का समर्थन
राहुल गांधी कुमारी सैलजा को अधिक महत्व देंगे। कुमारी सैलजा दलितों के बीच लोकप्रिय हैं। राहुल की पहली रैली असंध में होगी, जो कुमारी सैलजा के करीबी उम्मीदवार के लिए है।
जाट बनाम दलित की रणनीति
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि राहुल गांधी जाट बनाम दलित की बहस को नकारने के लिए भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा को एक मंच पर लाएंगे। इससे पार्टी का एकजुटता का संदेश जाएगा।
दलित डिप्टी सीएम की संभावना
राहुल गांधी दलित डिप्टी सीएम की घोषणा भी कर सकते हैं। मायावती ने पहले ही इस तरह का बयान दिया है। अगर ऐसा होता है, तो यह दलितों को आकर्षित करने का एक बड़ा कदम होगा।
भाजपा की प्रचार रणनीति
भाजपा भी प्रचार में पीछे नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार रैलियां कर रहे हैं। पीएम मोदी ने सोनीपत में कहा कि हरियाणा ने उनके जीवन में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने फिर से भाजपा को जीताने की अपील की।
राहुल की अमेरिका यात्रा
राहुल गांधी हाल ही में अमेरिका यात्रा से लौटे हैं। उनकी वापसी के बाद करनाल में एक परिवार से मिलने का भी कार्यक्रम था। यह यात्रा उनके लिए एक नई ऊर्जा ला सकती है।
चुनावी माहौल
हरियाणा के चुनावी माहौल में सभी दल अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। कांग्रेस का लक्ष्य दलित वोटों को अपने पक्ष में करना है, जबकि भाजपा भी अपना आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की एंट्री और उनकी रणनीतियों से यह स्पष्ट है कि वह दलित वोटों पर जोर देंगे। यह चुनाव सभी पार्टियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। देखना है कि कौन सी पार्टी अपनी रणनीतियों में सफल होती है?