हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख दलित नेता कुमारी सैलजा ने चुनाव प्रचार में शामिल होने का फैसला किया है, जिसमें उनकी पूर्व नाराजगी का महत्वपूर्ण कारण टिकट वितरण में अनदेखी और जातिगत टिप्पणियां थीं। राहुल गांधी से बातचीत के बाद, वह 26 सितंबर से प्रचार शुरू करेंगी।
नाराजगी के कारण
कुमारी सैलजा की नाराजगी के कई कारण थे:
टिकट वितरण में अनदेखी: सैलजा ने पार्टी से कहा था कि उनके समर्थकों को 30 से 35 सीटें दी जाएं। लेकिन पार्टी ने ज्यादातर टिकट भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों को दिए। सैलजा के पास केवल 5 सीटें आईं।
जातिगत टिप्पणी: एक बार सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की गई थी। इससे वह और उनके समर्थक बहुत आहत हुए। इस टिप्पणी के खिलाफ विरोध भी हुआ।
हुड्डा खेमे से विवाद: हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बन गए हैं। एक गुट भूपेंद्र हुड्डा का है और दूसरा कुमारी सैलजा का। दोनों के बीच तकरार चल रही है।
राहुल गांधी का संदेश
कुमारी सैलजा की नाराजगी को दूर करने के लिए राहुल गांधी ने उन्हें मैसेज किया। उन्होंने कहा कि सैलजा मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलें। खड़गे ने उन्हें आश्वासन दिया कि सीएम चेहरे पर विचार होगा। इसके बाद सैलजा ने प्रचार में शामिल होने का फैसला किया।
प्रचार की शुरुआत
सैलजा 26 सितंबर से चुनाव प्रचार शुरू करेंगी। इस दिन राहुल गांधी उनके समर्थकों के साथ असंध जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी सैलजा का मान रखने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
नाराजगी का फायदा उठाने की कोशिश भाजपा
भाजपा कुमारी सैलजा की नाराजगी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। वे जानती हैं कि सैलजा का दलित वोट बैंक बहुत महत्वपूर्ण है। हरियाणा में 21% दलित वोट हैं, और सैलजा का प्रभाव इस पर है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेता इस मुद्दे को चुनाव में उठाने का प्रयास कर रहे हैं। वे लगातार सार्वजनिक मंचों पर इस पर बात कर रहे हैं।
सैलजा का बयान
कुमारी सैलजा ने कहा कि उनके पास सीएम बनने का मौका अभी भी है। उन्होंने बताया कि पार्टी में सीएम चेहरे का फैसला हाईकमान ही करता है। उन्होंने टिकट वितरण पर भी कहा कि यह पार्टी का फैसला है।
भूपेंद्र हुड्डा का बयान
भूपेंद्र हुड्डा ने भी कहा कि कांग्रेस में सीएम का चुनाव एक प्रक्रिया के तहत किया जाता है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि पार्टी ही टिकट बांटती है और यह सभी के लिए सबसे अच्छा होता है।
गौरतलब है कि कुमारी सैलजा अब चुनाव प्रचार में शामिल हो रही हैं। उनके और भूपेंद्र हुड्डा के बीच विवाद जारी है। भाजपा इस स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। चुनाव प्रचार में कुमारी सैलजा की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी, खासकर दलित वोटरों के लिए।