23 सितंबर को राव तुलाराम की ससुराल में मनाया जाएगा शहीदी दिवस

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह 23 सितंबर को सन् 1857 की क्रांति के महान सपूत राव तुलाराम की ससुराल बिहाली गाँव में शहीदी दिवस सभा को संबोधित करेंगे। 1857 की क्रांति के महान सपूत राव तुलाराम ने नारनौल के नसीबपुर मैदान में अंग्रेजों से लोहा लिया था । इस युद्ध में क़रीब 5 हज़ार सैनिक एक ही दिन में शहीद हो गए थे। बिहाली गाँव में राव तुलाराम जी की ससुराल थी, उनकी बड़ी रानी साहिबा किशन कुँवर बिहाली के अहीर सरदार की बेटी थे , 1857 के युद्ध के कुछ समय पहले राव तुलाराम के पुत्र राव युधिस्टर सिंह का जन्म हुआ था , नसीबपुर युद्ध की असफलता के बाद राव तुलाराम की रानी साहिबा किशन कुँवर और उनकी माता जी ने तुलाराम के दुधमुहे पुत्र युधिस्टर जो उस वक्त दो महीने के थे , बिहाली में आकर शरण ली थी , वे यहाँ पर पहाड़ की कंदरा में काफ़ी दिन अज्ञात वास में रहे , अंग्रेजों ने राव तुलाराम के परिवार को बहुत ढूँड़ा पर बिहाली वालों ने कोई भेद नहीं दिया , इसी कारण बिहाली गाँव को अंग्रेज़ों का कोप भाजन बन ना पड़ा , अंग्रेज़ों ने यहाँ के लोगों पर बड़े क़हर ढाए , बहुत से लोगों को ज़ैल में दल कर यातनाए दी , ज़मीन जायदाद छीन ली, इतना सब कुछ होने के बाद भी बिहाली गाँव के लोगों ने भेद नहीं खोला , बिहाली गाँव के बुज़र्गों द्वारा दी गई क़ुरबानी के कारण ही रेवाड़ी का राजपरिवार सुरक्षित रह पाया , इस गाँव की पवित्र माटी पर पूरे अहीरवाल को गर्व है।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह होंगे मुख्य अतिथि

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह 23 सितंबर को सन् 1857 की क्रांति के महान सपूत राव तुलाराम की ससुराल बिहाली गाँव में शहीदी दिवस सभा को संबोधित करेंगे।
1857 की क्रांति के महान सपूत राव तुलाराम ने नारनौल के नसीबपुर मैदान में अंग्रेजों से लोहा लिया था । इस युद्ध में क़रीब 5 हज़ार सैनिक एक ही दिन में शहीद हो गए थे।
बिहाली गाँव में राव तुलाराम जी की ससुराल थी, उनकी बड़ी रानी साहिबा किशन कुँवर बिहाली के अहीर सरदार की बेटी थे , 1857 के युद्ध के कुछ समय पहले राव तुलाराम के पुत्र राव युधिस्टर सिंह का जन्म हुआ था , नसीबपुर युद्ध की असफलता के बाद राव तुलाराम की रानी साहिबा किशन कुँवर और उनकी माता जी ने तुलाराम के दुधमुहे पुत्र युधिस्टर जो उस वक्त दो महीने के थे , बिहाली में आकर शरण ली थी , वे यहाँ पर पहाड़ की कंदरा में काफ़ी दिन अज्ञात वास में रहे , अंग्रेजों ने राव तुलाराम के परिवार को बहुत ढूँड़ा पर बिहाली वालों ने कोई भेद नहीं दिया , इसी कारण बिहाली गाँव को अंग्रेज़ों का कोप भाजन बन ना पड़ा , अंग्रेज़ों ने यहाँ के लोगों पर बड़े क़हर ढाए , बहुत से लोगों को ज़ैल में दल कर यातनाए दी , ज़मीन जायदाद छीन ली, इतना सब कुछ होने के बाद भी बिहाली गाँव के लोगों ने भेद नहीं खोला , बिहाली गाँव के बुज़र्गों द्वारा दी गई क़ुरबानी के कारण ही रेवाड़ी का राजपरिवार सुरक्षित रह पाया , इस गाँव की पवित्र माटी पर पूरे अहीरवाल को गर्व है।