आतिशी बनीं दिल्ली की मुख्यमंत्री, कैबिनेट में एक नया, बाकी पांच पुराने चेहरे शामिल

आतिशी ने 21 सितंबर को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया। उन्हें उप-राज्यपाल विनय सक्सेना ने शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद, आतिशी ने भावुक होकर अरविंद केजरीवाल के पैर छुए। यह एक खास और भावुक पल था। युवाओं की उम्मीद आतिशी की उम्र 43 साल है। वे दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले, अरविंद केजरीवाल 45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे। आतिशी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद, दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। यह बात उन्हें विशेष बनाती है। कैबिनेट के नए सदस्य आतिशी के साथ सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मुकेश अहलावत कैबिनेट में एकमात्र नया चेहरा हैं। आतिशी का राजनीतिक सफर आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। वे आम आदमी पार्टी (AAP) में एक महत्वपूर्ण नेता हैं। 17 सितंबर को, AAP विधायकों ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना। यह पार्टी के लिए एक बड़ा कदम था। शपथ समारोह की खास बातें आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह में उनके माता-पिता और पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए। इनमें मनीष सिसोदिया, विजेन्दर गुप्ता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी थे। कैबिनेट में सदस्यों की भूमिका आतिशी: वे केजरीवाल और सिसोदिया की भरोसेमंद साथी रही हैं। उन्होंने पार्टी को मजबूती से खड़ा किया है। सौरभ भारद्वाज: वे 2013 से विधायक और मंत्री हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद, उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा गया है। गोपाल राय: वे 2013 से AAP सरकार का हिस्सा हैं। उन्हें पर्यावरण मंत्री बनाया गया है। कैलाश गहलोत: वे जाट परिवार से हैं और 2017 से परिवहन मंत्रालय संभाल रहे हैं। इमरान हुसैन: वे AAP की कैबिनेट में अकेले मुस्लिम नेता हैं। मुकेश अहलावत: वे दलित समुदाय से आते हैं। पार्टी ने उन्हें मंत्री बनाकर दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। केजरीवाल का इस्तीफा 15 सितंबर को, अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया। यह घोषणा दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के दो दिन बाद की गई। इसके बाद 17 सितंबर को AAP विधायकों ने आतिशी का नाम मुख्यमंत्री के लिए तय किया। AAP का इतिहास और स्थिति आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना 2 अक्टूबर 2012 को हुई थी। इसे 10 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला। AAP ने दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट हासिल किए हैं। आतिशी का कार्यकाल आतिशी का कार्यकाल 5 महीने से कम होगा। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा। चुनाव आयोग को इससे पहले चुनाव कराने होंगे। आने वाले चुनाव आतिशी का कार्य सिर्फ प्रशासन संभालना नहीं है, बल्कि पार्टी को मजबूत करना भी है। वे जल्दी चुनाव कराने की मांग कर रही हैं। गौरतलब है कि आतिशी का चुनाव AAP के लिए एक नया अध्याय है। उनकी ऊर्जा और उत्साह से दिल्ली की राजनीति में नई जान आ सकती है। दिल्ली की जनता को उनसे नई उम्मीदें हैं।

आतिशी ने 21 सितंबर को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया। उन्हें उप-राज्यपाल विनय सक्सेना ने शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद, आतिशी ने भावुक होकर अरविंद केजरीवाल के पैर छुए। यह एक खास और भावुक पल था।

युवाओं की उम्मीद

आतिशी की उम्र 43 साल है। वे दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले, अरविंद केजरीवाल 45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे। आतिशी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद, दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। यह बात उन्हें विशेष बनाती है।

कैबिनेट के नए सदस्य

आतिशी के साथ सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मुकेश अहलावत कैबिनेट में एकमात्र नया चेहरा हैं।

आतिशी का राजनीतिक सफर

आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। वे आम आदमी पार्टी (AAP) में एक महत्वपूर्ण नेता हैं। 17 सितंबर को, AAP विधायकों ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना। यह पार्टी के लिए एक बड़ा कदम था।

शपथ समारोह की खास बातें

आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह में उनके माता-पिता और पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए। इनमें मनीष सिसोदिया, विजेन्दर गुप्ता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी थे।

कैबिनेट में सदस्यों की भूमिका

आतिशी: वे केजरीवाल और सिसोदिया की भरोसेमंद साथी रही हैं। उन्होंने पार्टी को मजबूती से खड़ा किया है।
सौरभ भारद्वाज: वे 2013 से विधायक और मंत्री हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद, उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा गया है।
गोपाल राय: वे 2013 से AAP सरकार का हिस्सा हैं। उन्हें पर्यावरण मंत्री बनाया गया है।
कैलाश गहलोत: वे जाट परिवार से हैं और 2017 से परिवहन मंत्रालय संभाल रहे हैं।
इमरान हुसैन: वे AAP की कैबिनेट में अकेले मुस्लिम नेता हैं।
मुकेश अहलावत: वे दलित समुदाय से आते हैं। पार्टी ने उन्हें मंत्री बनाकर दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है।

केजरीवाल का इस्तीफा

15 सितंबर को, अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया। यह घोषणा दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के दो दिन बाद की गई। इसके बाद 17 सितंबर को AAP विधायकों ने आतिशी का नाम मुख्यमंत्री के लिए तय किया।

AAP का इतिहास और स्थिति

आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना 2 अक्टूबर 2012 को हुई थी। इसे 10 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला। AAP ने दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट हासिल किए हैं।

आतिशी का कार्यकाल

आतिशी का कार्यकाल 5 महीने से कम होगा। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा। चुनाव आयोग को इससे पहले चुनाव कराने होंगे।

आने वाले चुनाव

आतिशी का कार्य सिर्फ प्रशासन संभालना नहीं है, बल्कि पार्टी को मजबूत करना भी है। वे जल्दी चुनाव कराने की मांग कर रही हैं।

गौरतलब है कि आतिशी का चुनाव AAP के लिए एक नया अध्याय है। उनकी ऊर्जा और उत्साह से दिल्ली की राजनीति में नई जान आ सकती है। दिल्ली की जनता को उनसे नई उम्मीदें हैं।