हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों का सहारा लेते हुए 36 सीटों पर एक ही जाति के उम्मीदवारों को आमने-सामने उतारा है। इनमें 14 सीटों पर जाट बनाम जाट और 15 सीटों पर ओबीसी बनाम ओबीसी मुकाबला होगा। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे।
चुनावी गणित
हरियाणा में ओबीसी (33 प्रतिशत), जाट (25 प्रतिशत) और दलित (21 प्रतिशत) की भूमिका चुनावी जीत में महत्वपूर्ण मानी जाती है। कांग्रेस ने 28 जाट और भाजपा ने 16 जाट उम्मीदवार उतारे हैं।
ओबीसी उम्मीदवारों की संख्या
भाजपा ने 22 ओबीसी उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 20 ओबीसी उम्मीदवार उतारे हैं। अनुसूचित जाति के लिए 17 सीटें आरक्षित हैं, लेकिन सामान्य सीटों पर दलित समुदाय के लिए किसी दल ने टिकट नहीं दिया है।
प्रमुख मुकाबले
भाजपा और कांग्रेस के बीच कई महत्वपूर्ण मुकाबले देखने को मिलेंगे:
फिरोजपुर झिरका: भाजपा – नसीम अहमद, कांग्रेस – मामन खान
पुन्हाना: भाजपा – ऐजाज खान, कांग्रेस – मोहम्मद इलियास
जगाधरी: भाजपा – कंवरपाल गुर्जर, कांग्रेस – अकरम खान
नूंह: भाजपा – संजय सिंह, कांग्रेस – आफताब अहमद
हथीन: भाजपा – मनोज रावत, कांग्रेस – मुहम्मद इजरायल
पंजाबी उम्मीदवारों की टक्कर
चार सीटों पर पंजाबी उम्मीदवार भी आमने-सामने हैं:
थानेसर: भाजपा – सुभाष सुधा, कांग्रेस – अशोक अरोड़ा
हांसी: भाजपा – विनोद भयाना, कांग्रेस – राहुल मक्कड़
पानीपत शहरी: भाजपा – प्रमोद विज, कांग्रेस – वरिंदर शाह
रोहतक: भाजपा – मनीष ग्रोवर, कांग्रेस – भारत भूषण बत्रा
गौरतलब है कि हरियाणा के चुनावी मैदान में जातिगत समीकरणों का खेल साफ नजर आ रहा है। दोनों प्रमुख पार्टियां अपनी-अपनी जातियों के वोटों को एकत्रित करने के लिए रणनीतियां बना रही हैं।