आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री: केजरीवाल का इस्तीफा और नया नेतृत्व

आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने स्थान पर अगला मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। केजरीवाल का इस्तीफा अरविंद केजरीवाल शाम को उप राज्यपाल वी. के. सक्सेना से मुलाकात करेंगे और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे। यह इस्तीफा आतिशी के लिए मुख्यमंत्री पद की राह को साफ करेगा। केजरीवाल का इस्तीफा दिल्ली विधानसभा का नया नेतृत्व तय करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आतिशी का राजनीतिक सफर आतिशी (43) दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री रही हैं, जिनमें वित्त, शिक्षा और राजस्व शामिल हैं। उन्होंने केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान राज्य की बागडोर संभाली थी। उनके पास 14 विभागों की जिम्मेदारी रही है और उनकी भूमिका सरकार और पार्टी दोनों में महत्वपूर्ण रही है। दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं। उनका चयन पार्टी और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है। विधायकों का समर्थन पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि इस्तीफे के बाद, आप विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल उप राज्यपाल से मुलाकात करेगा और आतिशी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का दावा पेश करेगा। केजरीवाल का फैसला केजरीवाल ने अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है, जो उनके और पार्टी के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद यह घोषणा की कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और तब लौटेंगे जब जनता उन्हें आगामी चुनाव में ‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’ देगी। शिक्षा और पृष्ठभूमि आतिशी का जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्ता वाही की बेटी के रूप में हुआ। उन्होंने स्प्रिंगडेल्स स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। भाजपा की प्रतिक्रिया भाजपा ने केजरीवाल के इस्तीफे को एक मजबूरी का कदम बताया और इसे नाटक और अपराध की स्वीकारोक्ति के रूप में देखा। पार्टी ने संदेह जताया कि कहीं अंदरूनी कलह के कारण तो यह इस्तीफा नहीं दिया गया है। दिल्ली विधानसभा का सत्र दिल्ली विधानसभा का सत्र 26-27 सितंबर को बुलाया जाएगा, जहां आतिशी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन पर चर्चा की जाएगी। भविष्य की राजनीति आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली में विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक बदलावों की उम्मीद है। शिक्षा क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए, यह माना जा सकता है कि वे इस क्षेत्र में और सुधार लाएंगी। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी की नियुक्ति दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो पार्टी की भविष्य की योजनाओं और नेतृत्व पर ध्यान आकर्षित कर सकता है।

आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने स्थान पर अगला मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।

केजरीवाल का इस्तीफा

अरविंद केजरीवाल शाम को उप राज्यपाल वी. के. सक्सेना से मुलाकात करेंगे और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे। यह इस्तीफा आतिशी के लिए मुख्यमंत्री पद की राह को साफ करेगा। केजरीवाल का इस्तीफा दिल्ली विधानसभा का नया नेतृत्व तय करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आतिशी का राजनीतिक सफर

आतिशी (43) दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री रही हैं, जिनमें वित्त, शिक्षा और राजस्व शामिल हैं। उन्होंने केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान राज्य की बागडोर संभाली थी। उनके पास 14 विभागों की जिम्मेदारी रही है और उनकी भूमिका सरकार और पार्टी दोनों में महत्वपूर्ण रही है।

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं। उनका चयन पार्टी और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है।

विधायकों का समर्थन

पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि इस्तीफे के बाद, आप विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल उप राज्यपाल से मुलाकात करेगा और आतिशी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का दावा पेश करेगा।

केजरीवाल का फैसला

केजरीवाल ने अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है, जो उनके और पार्टी के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद यह घोषणा की कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और तब लौटेंगे जब जनता उन्हें आगामी चुनाव में ‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’ देगी।

शिक्षा और पृष्ठभूमि

आतिशी का जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्ता वाही की बेटी के रूप में हुआ। उन्होंने स्प्रिंगडेल्स स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा ने केजरीवाल के इस्तीफे को एक मजबूरी का कदम बताया और इसे नाटक और अपराध की स्वीकारोक्ति के रूप में देखा। पार्टी ने संदेह जताया कि कहीं अंदरूनी कलह के कारण तो यह इस्तीफा नहीं दिया गया है।

दिल्ली विधानसभा का सत्र

दिल्ली विधानसभा का सत्र 26-27 सितंबर को बुलाया जाएगा, जहां आतिशी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन पर चर्चा की जाएगी।

भविष्य की राजनीति

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली में विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक बदलावों की उम्मीद है। शिक्षा क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए, यह माना जा सकता है कि वे इस क्षेत्र में और सुधार लाएंगी।

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी की नियुक्ति दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो पार्टी की भविष्य की योजनाओं और नेतृत्व पर ध्यान आकर्षित कर सकता है।