सरकारी स्कूल सुधारो अभियान, संजय शर्मा और आम आदमी पार्टी

सरकारी स्कूल सुधारो अभियान, संजय शर्मा और आम आदमी पार्टी

विधानसभा चुनाव में बिना कांग्रेस से गठबंधन किए लड़ने का एलान कर चुकी आम आदमी पार्टी व उसके नेता जनता के बीच जड़ें जमाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। रेवाड़ी विधानसभा स्तर पर बात करें तो आम आदमी पार्टी ने संगठन के स्थानीय प्रतिनिधि संजय शर्मा के माध्यम से सरकारी स्कूल सुधारो अभियान की मुहिम चलाई हुई है। पिछले दिनों उन्होंने इस अभियान के बारे में एनजेपी से संवाद भी किया था। इसी खबर में आप थोड़ा आगे उनकी वीडियो सुन सकते हैं।

पिछले दो तीन के दौरान उन्होंने रेवाड़ी के साथ-साथ धारूहेड़ा के सभी वार्डों व गांवों में “सरकारी स्कूल सुधारो अभियान” के तहत पैरेंट्स को जागरूक किया गया। दो सप्ताह से लगातार जारी इस अभियान का कितना असर होगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन निजी स्कूलों की तुलना में पिछड़े सरकारी स्कूलों की व्यवस्था देख रहे सिस्टम पर प्रहार तो हो ही रहा है। इस प्रहार से कितनी संजीवनी मिलेगी, य तो समय बताएगा, लेकिन यह समय की मांग है कि शिक्षा गरीब की पहुंच में बनी रहे।

लोगों को क्या समझा रहे हैं संजय शर्मा:

संजय शर्मा गांव-शहर हर जगह पहुंचकर लोगों को समझा रहे हैं। शर्मा ने इस अभियान के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के युवाओं, प्रबुद्ध लोगों और विशेषकर पैरेंट्स वर्ग को जागरूक करते हुए बताया कि एक साज़िश के तहत सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं खत्म की गई है, जिससे बच्चे कम होने लगे। सरकार ने इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को पूरा करने की बजाय 3 से 4 गांवों के स्कूलों को एक गांव में ही मिला दिया, जिसके कारण गांवों में ग़रीब बच्चों के माता पिता अपने बच्चों को तीन चार किलोमीटर दूर दूसरे गांव में भेजने और वापिस लाने में असमर्थ थे, क्योंकि इन ग़रीब मजदूरों को रोजाना दिहाड़ी पर काम करने के लिए बाहर जाना पड़ता हैं। इस प्रकार से सरकार द्वारा ही ग़रीब लोगों के बच्चों से उनका शिक्षा का मौलिक अधिकार ही छीना जा रहा हैं।

सरकार एक तरफ़ तो सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के बड़े बड़े दावे करती हैं। वहीं दूसरी तरफ़ हरियाणा सरकार के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रत्येक बच्चे का 1125 रूपये प्रति महीना शिक्षा भत्ता भी देती हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाता हैं कि सरकार खुद यह कबूल करती हैं कि उनके सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा नही दी जा रही हैं।

पैरेंट्स वर्ग और गांव/शहर के जागरूक लोगो ने सरकार से मांग की है कि हरियाणा सरकार से जो भी किसी भी प्रकार का लाभ ले रहे हैं। उनके बच्चों की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में ही अनिवार्य रूप से लागू होनी चाहिए। लोगों ने कहा कि जब मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, सरकारी अध्यापकों एवम् हरियाणा सरकार के अन्तर्गत आने वाले सभी विभागों के उच्च अधिकारियों/कर्मचारियों के बच्चें सरकारी स्कूलों में पढ़ना शुरू कर देंगे तो सरकारी स्कूलों में एक नई शिक्षा क्रान्ति की शुरुवात हो जाएगी। और सभी को समान रूप से शिक्षा मिलने लगेगी और शिक्षा में भेदभाव खत्म हो जाएगा। अब हम यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे कि मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों  के बच्चें विदेशों में या वर्ल्ड क्लॉस के स्कूलों में पढ़ेंगे और हरियाणा सरकार के उच्च अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चें भी बड़े महंगे प्राईवेट स्कूलों में पढ़ेंगे। जब सभी लोगों को सरकारी स्कूलों में समान और अच्छी शिक्षा मिलने लगेगी तो हमारा देश विकसित और खुशहाल बन जाएगा तभी हमारे देश के महान समाजसुधारक व पूजनीय श्री ज्योति राव फुले, सावित्री बाई फूले और बाबा साहेब डॉ श्री भीम राव अंबेडकर जी सहित अन्य देश भक्तों का सपना भी पूरा हो सकेगा।

इस अभियान में धारूहेड़ा से आशीष वशिष्ठ, ऋषि, टेकचंद, प्रदीप और रेवाड़ी से अशोक कौशिक, शंकर ग्रोवर, दलीप सैनी, राजपाल सैनी, रिटायर्ड सूबेदार ईश्वर सिंह यादव, रामौतार सीकरीवाल, प्रेम सिंह प्रजापत, गोपाल चौकीदार सहित अनेक जागरूक लोगो ने अपना सहयोग दिया।

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