बावल विधानसभा क्षेत्र से अलग-अलग दलों की टिकट पर चुनाव लड़ चुके श्याम सुंदर सभ्रवाल ने बेशक आज कुछ खास ऐलान करने के लिए कार्यकर्ताओं को इक ठ्ठा तो किया, लेकिन अपने पत्ते नहीं खोले। पत्रकारों के ज्यादा कुरेदने पर उन्होंने केवल इतना ही कहा कि वह जेजेपी में नहीं जाएंगे, और रही बात अन्य दलों की तो, यदि उन्हें किसी पार्टी को टिकट मिला तो ठीक है, वरना निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
श्याम सुंदर सभ्रवाल पिछले लंबे समय से राजनीति में है। 2014 में उन्होंने बावल विधानसभा क्षेत्र से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें 35 हजार वोट मिले थे, लेकिन जीत से दूर रहे। इसके बाद उन्होंने जेजेपी का दामन थामा और 2019 का चुनाव उसी पार्टी से लड़ा। इस बार भी उनके वोट तो लगभग 33 हजार आए, लेकिन जीत इस बार भी नहीं मिली। पिछले महीनों सभ्रवाल ने जेजेपी को अलविदा कह दिया था तथा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह में आस्था दिखाते हुए उनकी शरण में चले गए थे। हालांकि उन्होंने भाजपा की सदस्यता तक ग्रहण नहीं की थी, लेकिन उनके शब्दों के अनुसार लोकसभा चुनाव में उन्होंने राव द्वारा दी गई जिम्मेवारियों को पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ निर्वाह किया था। लोकसभा चुनाव के बाद से श्याम सुंदर सभ्रवाल जनता के बीच तो रहे, लेकिन भाजपा या राव से कनेक्शन को लेकर ज्यादा बातें सामने नहीं आई। चूंकि अगले 2 महीनों में विधानसभा के चुनाव है, इसलिए सभ्रवाल भी पूरी तैयारी के साथ बावल क्षेत्र में लगे हुए हैं। बावल से चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं की इस समय बाढ़ सी आई हुई है, फिर चाहे ऐसे नेता कांग्रेस के हो, या फिर भाजपा व किसी अन्य दल के। सभ्रवाल भी ऐसे ही नेताओं में शामिल है। सभ्रवाल ने दो बार पार्टियों के निशान पर चुनाव लड़ा है। इस बार कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों ही दल अपने स्तर पर संभावित उम्मीदवारों को लेकर सर्वे करा रही है। पार्टियां उसी को टिकट देगी, जिनके जीतने की उम्मीद उन्हें नजर आएगी। सभ्रवाल ने शायद अपनी ताकत दिखाने के लिए आज अपने निवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। हालांकि सभ्रवाल ने ऐलान किया था कि वह आज की बैठक में महत्वपूर्ण ऐलान करेंगे। वह इस बात का फैसला लेंगे कि आखिर कौन सी पार्टी में जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक परिपक्व राजनीतिज्ञ का परिचय देते हुए अपने निर्णय को अगली बैठक तक टाल दिया। वह अपनी राजनीति में कामयाब हुए और बैठक में आई लोगों की भीड़ से अपनी ताकत दिखाने में सफल हुए। पत्रकारवार्ता के दौरान अपने पत्ते नहीं खोलने की जब उनसे बात की गई तो उन्होंने इतना ही कहा कि वह जेजेपी में अब नहीं जाएंगे, बाकी अन्य दलों में जाने के उनके विकल्प खुले हैं। फिर भी यदि किसी दल से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह बावल से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
डॉ. जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारीलाल को बताया धोखेबाज:
आज की बैठक में सभ्रवाल ने जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारीलाल पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने डॉ. लाल पर जहां बावल के विकास की अनदेखी का आरोप लगाया, वहीं डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर लोगों के साथ धोखा करने का भी आरोप लगाया। सभ्रवाल ने कहा कि जब रेवाड़ी के गढ़ी बोलनी चौक पर भीमराव अंबेडकर की कांस्य की प्रतिमा लगाने को लेकर डॉ. बनवारीलाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यह प्रति जनता के सहयोग से लगाई जा सकती है। सहयोग करने की बात भी उन्होंने टाल दी और जब गढ़ी बोलनी चौक पर मूर्ति लगाने का कार्यक्रम किया गया तो वे उस समय गढ़ी बोलनी में ऐसे ही कार्यक्रम में तो चले गए, लेकिन रेवाड़ी के कार्यक्रम में नहीं आए। उन्होंने को-आप्रेटिव सोसायटी में उनके शासनकाल में हुए 100 करोड़ के घोटाले को एक बार फिर से उठाया और कहा कि सरकार को इस मामले में जांच करनी चाहिए।
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