आज नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के साथ ही 18वीं लोकसभा का पहला शत्र शुरु हो गया है। शत्र के पहले ही दिन सदन में हंगामा भी शुरु हो गया है। शत्र के पहले ही दिन सदन नीट-नीट के नारों से गूंज उठा। विपक्ष ने सरकार पर संविधान तोड़ने का आरोप लगाया। दरअसल, अमित शाह और पीएम मोदी के शपथ लेने के दौरान कांग्रेस और विपक्ष के सभी सांसदो ने संविधान की प्रति अपने हाथ में लेकर लहराई। सिर्फ इतना ही नही जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ ग्रहण के लिए गए तब विपक्ष ने जोर जोर से नीट-नीट के नारे लगाने शुरू कर दिए। ये सिलसिला यही नही रुका उसके बाद जब नितिन गडकरी शपथ लेने उठे तब सबने जोर जोर से टेबल थपथपाई।
विपक्ष के कड़े तेवर
जिस तरीके से विपक्ष ने सदन में आज कड़े तेवर दिखाए। उससे इतना साफ हो गया है कि इस बार उन्हें हल्के मे लेना गलतफहमी होगी। बता दें शत्र शुरु होने से पहले इंडिया गठबंधन के सभी सांसदो नें संसद भवन में गांधी प्रतिमा के पास खड़े होकर संविधान की कॉपी हाथ में लहराकर विरोध जताया था। जिसमें सोनिया गांधी भी मौजूद रही थी. इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि संसद में संविधान बोलेगा। सिर्फ संविधान नही नीट पर भी विपक्ष का कड़ा रुख रहा, जिसके चलते नीट-नीट के नारों से गूंज उठा।
राहुल का मोदी-शाह पर हमला
संसद भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि “PM मोदी और अमित शाह संविधान पर हमला कर रहे है । हम ऐसा नही होने देंगे, यह हमें स्वीकार्य नही। जनता तक हमारी बात पहुंच रही है और जनता सब समझ रही है। ऐसे ही कोई संविधान नही बदल सकता।“
“संविधान के खातिर एक हुआ विपक्ष“
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “ मोदी जी ने संविधान तोड़ने की कोशिश की, इसीलिए आज सभी दलों के नेता एक साथ आए हैं और विरोध कर रहे हैं। यहां गांधी की मूर्ति थी…वे सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ रहे हैं, इसीलिए आज हम दिखाना चाहते हैं कि मोदी जी, आपको संविधान के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए। “