दक्षिण हरियाणा में BJP के लिए राव इंद्रजीत क्यों जरूरी, क्या पार्टी के पक्ष में नतीजे आने पर हो सकती है इच्छा पूरी?

rao inderjeet singh PROFILE PHOTO | दक्षिण हरियाणा में BJP के लिए राव इंद्रजीत सिंह क्यों हैं जरूरी

हरियाणा विधानसभा के चुनाव नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़े जा रहे हैं। जाहिर है कि पार्टी की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार वही होंगे। फिर भी राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा पाल रहे हैं। हालांकि, चुनावी चुनौतियों और सत्ता विरोधी लहर के बीच, राव इंद्रजीत सिंह का राजनीतिक प्रभाव महत्वपूर्ण है। अगर भाजपा दक्षिण हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन करती है तो राव इंद्रजीत के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग कर सकते हैं।

मार्च 2023 में, भाजपा ने हरियाणा में नेतृत्व में बदलाव किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बना दिया। यह कदम असामान्य लगा, क्योंकि आमतौर पर भाजपा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती। जून में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि आगामी विधानसभा चुनाव नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यदि भाजपा को बहुमत मिलता है, तो सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे।

राव इंद्रजीत सिंह की महत्वाकांक्षाएं

इस परिवर्तन के बावजूद, राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं। चुनावी बैठकों में उनके समर्थक अक्सर उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं को समर्थन देने वाले नारे लगाते हैं। हाल ही में, राव ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री बनने की उनकी इच्छा व्यक्तिगत नहीं, बल्कि जनता की है। उन्होंने जिक्र किया कि यदि दक्षिण हरियाणा ने 2014 और 2019 में भाजपा का समर्थन नहीं किया होता, तो मनोहर लाल खट्टर दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनते।

राजनीतिक संदर्भ

राव इंद्रजीत सिंह की महत्वाकांक्षाएं उस समय उभर रही हैं जब भाजपा सत्ताविरोधी लहर और पुनर्जीवित कांग्रेस का सामना कर रही है। उनके समर्थकों का मानना है कि पार्टी में शामिल होने के बाद से उन्हें कई बार नजरअंदाज किया गया है। 2014 और 2019 में खट्टर को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किए जाने के बाद, राव को लगातार उपेक्षित रखा गया। मार्च 2023 में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद, राव के लिए यह निराशाजनक था।

चुनावी संभावनाएं

राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले साल एक टीवी इंटरव्यू में अपनी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा की सत्ता में वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी के फैसले के अनुसार उन्हें आगे बढ़ना पड़ा।

टिकटों का बंटवारा और प्रभाव

गुड़गांव के सांसद राव इंद्रजीत सिंह का प्रभाव क्षेत्र की 10 से 15 विधानसभा सीटों पर है। उनके समर्थकों का दावा है कि पार्टी ने उनकी सिफारिश पर कई सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा है। उनकी बेटी आरती राव अटेली से चुनाव लड़ रही हैं, जो भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय सीट का हिस्सा है।

राजनीतिक आलोचना और भविष्य

हालांकि, उनके विरोधियों का कहना है कि भाजपा ने दक्षिण हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद राव इंद्रजीत सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। कांग्रेस का रीवाइवल और बढ़ती सत्ता विरोधी लहर भाजपा के लिए चुनौतियां पेश कर सकती हैं।

राव इंद्रजीत सिंह का बैकग्राउंड

राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री राव बिरेन्द्र सिंह के पुत्र हैं और अहिरवाल राज्य के राजवंश से आते हैं। उन्होंने राजनीति में कदम 26 साल की उम्र में रखा और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।

गौरतलब है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों की लड़ाई तेज कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राव इंद्रजीत सिंह अपनी स्थिति और समर्थन का लाभ उठाकर मुख्यमंत्री पद प्राप्त कर सकेंगे या उन्हें फिर से निराश होना पड़ेगा। 

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